Driving My Dreams Yogi Government: यूपी सरकार का महिलाओं को ड्राइविंग प्रशिक्षण देने की पहल
उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं और लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। यह पहल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ‘मिशन शक्ति 5.0’ अभियान के तहत शुरू की गई है। इस योजना का नाम ‘Driving My Dreams‘ है, और इसका उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों को ड्राइविंग प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें न केवल आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि उन्हें समाज में सक्रिय और प्रभावशाली नागरिक बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे इस योजना के उद्देश्य, प्रक्रिया, लाभ और समाज पर इसके प्रभाव के बारे में।
योजना का उद्देश्य और महत्व
यूपी सरकार की ‘Driving My Dreams’ योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों को ड्राइविंग कौशल सिखाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। महिलाओं को वाहन चलाने के योग्य बनाना उन्हें न केवल सड़क पर सुरक्षित रखता है, बल्कि यह उनकी सामाजिक स्थिति को भी सशक्त बनाता है। महिलाएं अक्सर अपनी यात्राओं के दौरान सुरक्षा को लेकर चिंतित रहती हैं, खासकर जब उन्हें सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना पड़ता है। इस योजना के माध्यम से महिलाओं को न सिर्फ ड्राइविंग की शिक्षा मिलेगी, बल्कि वे अपनी यात्रा को आत्मविश्वास से तय कर सकेंगी। साथ ही, यह योजना उनके आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण में भी सहायक होगी।
उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सशक्तिकरण की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, और ‘Driving My Dreams’ योजना एक ऐसा प्रयास है जो महिलाओं को एक स्वतंत्र और सशक्त जीवन जीने के लिए सक्षम बनाएगा। इस योजना के माध्यम से, राज्य सरकार न केवल महिला सुरक्षा पर ध्यान दे रही है, बल्कि महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने के लिए भी अवसर प्रदान कर रही है।

योजना का लाभ और प्रभाव
महिलाओं की सुरक्षा
यूपी सरकार की इस पहल का सबसे बड़ा फायदा महिलाओं की सुरक्षा में होगा। महिलाएं अब बिना किसी डर और संकोच के सड़क पर वाहन चला सकेंगी। साथ ही, जब वे खुद गाड़ी चलाएंगी तो उन्हें सार्वजनिक परिवहन के झंझट और अनचाहे तनाव से भी छुटकारा मिलेगा। इससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा भी बढ़ेगी, क्योंकि वे अब अपने यात्रा मार्ग को स्वीकृति और सुरक्षा के साथ तय कर सकेंगी।
महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर
ड्राइविंग प्रशिक्षण के बाद महिलाएं न केवल एक पेशेवर ड्राइवर के रूप में काम कर सकेंगी, बल्कि वे स्वयं के लिए रोजगार के नए अवसर भी खोल सकेंगी। महिलाओं को ड्राइविंग का प्रशिक्षण देकर सरकार उनके लिए एक नया आय स्रोत खोलने का अवसर प्रदान कर रही है। वे अब कैब ड्राइविंग, स्कूल बस ड्राइवर या अन्य कई परिवहन संबंधित कार्यों में भाग ले सकती हैं, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।
आत्मविश्वास में वृद्धि
महिलाओं के लिए ड्राइविंग एक प्रकार का नया कौशल है, जो उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है। जब महिलाएं गाड़ी चलाने में सक्षम होती हैं, तो उनका आत्मविश्वास अपने आप बढ़ता है, और वे समाज में एक सशक्त और स्वतंत्र नागरिक के रूप में उभरती हैं। इसके अलावा, यह महिलाएं अपने परिवार के लिए भी उदाहरण बनती हैं, जो समाज में समानता और महिला सशक्तिकरण के संदेश को फैलाता है।
योजना का प्रशिक्षण और प्रक्रिया
‘Driving My Dreams’ योजना के तहत, प्रत्येक जनपद से 100-100 महिलाओं और लड़कियों का चयन किया गया है। उन्हें ड्राइविंग प्रशिक्षण के लिए विशेष केंद्रों में भेजा जाएगा, जहां उन्हें एक महीने तक नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण में उन्हें न केवल वाहन चलाने का तरीका सिखाया जाएगा, बल्कि सड़क सुरक्षा के नियम, ट्रैफिक नियंत्रण, आपातकालीन स्थिति में वाहन नियंत्रण, और महिलाओं की सुरक्षा के उपायों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
प्रशिक्षण के दौरान, उन्हें वाहन की सही हैंडलिंग, पार्किंग, स्टीयरिंग नियंत्रण, और ट्रैफिक सिग्नल समझने जैसी बुनियादी जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, यह प्रशिक्षण यह सुनिश्चित करेगा कि महिलाएं सड़कों पर सुरक्षित रूप से वाहन चला सकें और ट्रैफिक नियमों का पालन करते हुए अपनी यात्रा कर सकें।
प्रशिक्षण के बाद, सफल प्रशिक्षुओं को एक ड्राइविंग लाइसेंस प्रदान किया जाएगा, जिससे वे अपने रोजमर्रा के जीवन में वाहन चला सकेंगी। यह लाइसेंस उन्हें उनके आत्मनिर्भर होने का प्रमाणपत्र प्रदान करेगा, और उनके रोजगार के अवसरों को और बढ़ाएगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में योजना का प्रभाव
इस योजना का सबसे अधिक लाभ उन महिलाओं को होगा जो ग्रामीण इलाकों में रहती हैं। आमतौर पर, ग्रामीण महिलाओं को बाहर जाने के लिए अपने परिवार के पुरुष सदस्य पर निर्भर रहना पड़ता है, लेकिन ड्राइविंग के माध्यम से उन्हें स्वतंत्रता मिलेगी। इससे न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि वे अपने परिवार और समाज में सक्रिय रूप से भाग ले सकेंगी।
ग्रामीण इलाकों की महिलाएं अपनी यात्रा के दौरान कभी भी सुरक्षित महसूस नहीं करतीं, क्योंकि सार्वजनिक परिवहन की स्थिति वहां ठीक नहीं होती। ‘Driving My Dreams’ योजना उन्हें अपनी यात्रा के लिए एक सुरक्षित और आत्मनिर्भर विकल्प प्रदान करती है।
मिशन शक्ति 5.0 और महिला सशक्तिकरण
‘Driving My Dreams’ योजना मिशन शक्ति 5.0 का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी सुरक्षा को बढ़ावा देना है। मिशन शक्ति 5.0 के तहत महिलाओं को हर प्रकार की सुरक्षा, शिक्षा और स्वावलंबन का समर्थन मिलता है।
इस योजना के तहत महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना, उनके आत्मविश्वास को बढ़ाना और उन्हें विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षित करना शामिल है। यूपी सरकार ने इस मिशन के तहत कई और योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें महिलाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण, कानूनी सहायता, और रोजगार संबंधी सहायता प्रदान की जाती है।
विशेषज्ञों की राय
महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की पहल से महिलाओं को सिर्फ ड्राइविंग कौशल ही नहीं मिलेगा, बल्कि यह उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं में भी बदलाव लाएगा।
डॉ. रेखा शर्मा, महिला सशक्तिकरण विशेषज्ञ, कहती हैं, “इस पहल के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का रास्ता खुलेगा। ड्राइविंग एक ऐसा कौशल है जो न केवल उनके सुरक्षा को बढ़ाता है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने का भी अवसर प्रदान करता है।”
निष्कर्ष
‘Driving My Dreams’ पहल उत्तर प्रदेश सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है, जो महिलाओं और लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक सशक्त और सकारात्मक बदलाव लाएगा। यह योजना न केवल महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाएगी, बल्कि समाज में समानता और महिला सशक्तिकरण का संदेश भी फैलाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श हो सकता है, जहां महिलाएं अपने अधिकारों को महसूस कर सकें और समाज में सक्रिय भागीदार बन सकें।
FAQ:
1. ‘Driving My Dreams’ योजना क्या है?
‘Driving My Dreams’ योजना यूपी सरकार की एक पहल है, जिसके तहत महिलाओं और लड़कियों को नि:शुल्क ड्राइविंग प्रशिक्षण दिया जाता है। इसका उद्देश्य उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और रोजगार के अवसर प्रदान करना है।
2. इस योजना में कौन भाग ले सकता है?
इस योजना में 18 से 45 वर्ष की महिलाएं और लड़कियां भाग ले सकती हैं। उन्हें स्थानीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्रों में पंजीकरण करना होता है।
3. प्रशिक्षण की अवधि कितनी है?
प्रशिक्षण की अवधि एक महीने की है, जिसमें सड़क सुरक्षा, ट्रैफिक नियम, आपातकालीन स्थिति में वाहन नियंत्रण और महिला सुरक्षा उपायों की जानकारी दी जाती है।
4. प्रशिक्षण के बाद क्या मिलता है?
प्रशिक्षण के बाद, प्रतिभागियों को ड्राइविंग लाइसेंस प्रदान किया जाता है, जिससे वे स्वतंत्र रूप से वाहन चला सकती हैं।
5. इस पहल का उद्देश्य क्या है?
इस पहल का उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाना, उनकी सुरक्षा बढ़ाना और उन्हें समाज में सक्रिय भागीदार बनाना है।



