IT parcels Greater Noida: 2026 तक तैयार होंगे 6 IT भूखंड, NCR को मिलेगा नया टेक हब

IT parcels Greater Noida परियोजना के अंतर्गत ग्रेटर नोएडा में निर्माण कार्य तेज़ी से जारी, 2026 तक पूरा होने की उम्मीद

IT parcels Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में खुलेंगी बड़ी IT कंपनियाँ, 6 बड़े भूखंडों की योजना से बदल सकती है NCR की टेक तस्वीर

 

परिचय: NCR का अगला टेक हब बनने की ओर बढ़ता ग्रेटर नोएडा

IT parcels Greater Noida — यह शब्द अब न सिर्फ स्थानीय अखबारों में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का केंद्र बन चुका है।
दिल्ली-NCR के भीड़भाड़ वाले टेक कॉरिडोर में अब एक नया नाम उभर रहा है — Greater Noida, जहां सरकार और GNIDA (Greater Noida Industrial Development Authority) ने 6 बड़े भूखंड IT सेक्टर को देने की योजना तैयार की है।

यह योजना यदि मूर्त रूप लेती है, तो यह न केवल ग्रेटर नोएडा की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाई देगी बल्कि नोएडा, ग़ुड़गांव और दिल्ली जैसे पुराने टेक हब्स को भी सीधी चुनौती दे सकती है।

सरकारी कदम और नई औद्योगिक नीतियाँ

उत्तर प्रदेश सरकार और GNIDA ने पिछले एक साल में कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं जो सीधे तौर पर IT सेक्टर को लाभ पहुँचाती हैं।
मुख्य बिंदु है — भूखंडों की नीलामी और FAR (Floor Area Ratio) में बढ़ोतरी

GNIDA ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है कि IT/ITES, डेटा सेंटर और बायोटेक जैसी कंपनियों के लिए FAR को 2 से बढ़ाकर 4 किया जाए। इसका मतलब यह है कि किसी कंपनी को समान क्षेत्रफल में दुगनी ऊँचाई तक निर्माण करने की अनुमति होगी।
यह बदलाव सीधे तौर पर विदेशी निवेशकों और मल्टीनेशनल टेक कंपनियों को आकर्षित करेगा, जिन्हें बड़े ऑफिस टॉवर्स और डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर की ज़रूरत होती है।

GNIDA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया —

“हमने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि IT और डेटा सेंटर ज़ोन में FAR दोगुना किया जाए ताकि निवेश आकर्षित हो। NCR में अब जगह सीमित है, और Greater Noida के पास वह स्पेस है जो दिल्ली या ग़ुड़गांव में नहीं बचा।”

इसके अलावा, GNIDA ने 2025 के पहले चरण में 6 प्रमुख भूखंडों को चिह्नित किया है जो Techzone-4, Knowledge Park-5 और Ecotech क्षेत्रों में स्थित हैं। इन क्षेत्रों को पहले से IT/ITES use के लिए मास्टरप्लान में आरक्षित किया गया था।


IT parcels Greater Noida योजना के तहत ग्रेटर नोएडा में 6 नए IT भूखंडों का निर्माण कार्य शुरू
IT parcels Greater Noida योजना में GNIDA ने 6 IT भूखंडों पर निर्माण शुरू किया, NCR में जल्द दिखेगा नया टेक चेहरा।

“6 बड़े भूखंडों” का दावा — हकीकत क्या है?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ग्रेटर नोएडा में 6 बड़े भूखंडों की योजना जल्द लागू हो सकती है। हालांकि, अभी तक इस पर आधिकारिक अधिसूचना (official notification) जारी नहीं हुई है।
GNIDA ने केवल संकेत दिए हैं कि नई IT नीति के अंतर्गत बड़े निवेशकों के लिए भूखंड आवंटन प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

Business Standard की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025–27 के दौरान लगभग 1.5 लाख एकड़ औद्योगिक भूमि को “unlocked” करने का निर्णय लिया है, जिसमें से कुछ हिस्से IT सेक्टर को समर्पित किए जाएंगे।

यह स्पष्ट नहीं है कि “6 plots” की संख्या किसी आधिकारिक योजना का हिस्सा है या यह मीडिया द्वारा प्राप्त internal draft proposal है।
GNIDA के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा —

“हमारी प्राथमिकता बड़े भूखंड नहीं, बल्कि उपयोग क्षमता है। यदि FAR बढ़ जाता है, तो कम भूखंडों में भी अधिक कंपनियाँ स्थापित की जा सकती हैं।”

क्यों Greater Noida बना निवेशकों का पसंदीदा ठिकाना

Greater Noida का भौगोलिक और आर्थिक महत्व बीते कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है।
यह शहर दिल्ली से केवल 35–40 किमी दूर है, और यमुना एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर से सीधा जुड़ा हुआ है।

  1. कनेक्टिविटी: Jewar International Airport, Yamuna Expressway और नई मेट्रो लाइनों के साथ, Greater Noida में लॉजिस्टिक्स और IT दोनों के लिए बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध हो रहा है।

  2. कम लागत: NCR के अन्य हिस्सों की तुलना में यहां भूमि और संचालन लागत 30–40% तक कम है।

  3. सरकारी प्रोत्साहन: राज्य सरकार IT नीति 2023 के तहत निवेशकों को बिजली सब्सिडी, टैक्स रिबेट और आसान अनुमोदन की सुविधाएं दे रही है।

  4. भविष्य की मांग: डेटा सेंटर, AI लैब्स और क्लाउड सर्विसेज कंपनियों को अब दिल्ली के बाहर बड़े स्थान चाहिए — जो केवल Greater Noida जैसे शहर दे सकते हैं।

तकनीकी विकास और बुनियादी ढाँचे का उन्नयन

GNIDA ने 2025 के अंत तक दो नए 220kV सबस्टेशन बनाने की योजना तैयार की है — एक Ecotech-16 और दूसरा Sector-155 (Noida) में।
यह सबस्टेशन IT और औद्योगिक कंपनियों की बढ़ती बिजली मांग को पूरा करेंगे।

इसके अलावा, Knowledge Park-5 में 8-लेन रोड, अंडरपास और फाइबर नेटवर्किंग का काम भी अंतिम चरण में है।
यह सब मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि जो भी कंपनियाँ इन भूखंडों में निवेश करें, उन्हें “plug-and-play infrastructure” मिले।

इंफ्रास्ट्रक्चर विशेषज्ञ रवि नागपाल कहते हैं —

“Delhi और Gurgaon जैसे क्षेत्रों में स्पेस खत्म हो रहा है। Greater Noida के पास प्लानिंग का वह स्पेस है जहां भविष्य की कंपनियाँ—जैसे AI, Robotics, Cloud Data Firms—अपने कैंपस बना सकती हैं।”

GNIDA अधिकारी IT parcels Greater Noida योजना के तहत भूखंडों का निरीक्षण करते हुए, निर्माण तैयारी जारी
GNIDA टीम ने IT parcels Greater Noida योजना के तहत प्रस्तावित 6 भूखंडों का निरीक्षण किया, निवेशकों में उत्साह।

संभावित निवेशक और औद्योगिक प्रभाव

हाल ही में कई बड़े कॉर्पोरेट समूहों ने GNIDA में रुचि दिखाई है।
Foxconn, Hiranandani Group, और Adani Data Networks जैसी कंपनियाँ पहले ही क्षेत्र में औद्योगिक और डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के विकल्प तलाश रही हैं।

Foxconn ने अप्रैल 2025 में 300 एकड़ भूमि की संभावनाओं का सर्वे किया था।

इसी के साथ, Tech Mahindra और TCS जैसी कंपनियाँ नोएडा और ग्रेटर नोएडा में विस्तार पर विचार कर रही हैं।
अगर “6 भूखंड योजना” को हरी झंडी मिलती है, तो ये कंपनियाँ सबसे पहले निवेश करने वाली हो सकती हैं।

विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

शहरी नियोजन विशेषज्ञ प्रो. आलोक वर्मा का कहना है —

“केवल भूखंड देने से टेक हब नहीं बनता। यह एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र है—जहां बिजली, परिवहन, आवास और कानून व्यवस्था समान रूप से सुदृढ़ होनी चाहिए। ग्रेटर नोएडा के पास यह अवसर है, लेकिन उसे समन्वित विकास मॉडल अपनाना होगा।”

वहीं, रियल एस्टेट विश्लेषक संदीप चोपड़ा का मानना है —

“अगर GNIDA पारदर्शी नीलामी और निवेशक-अनुकूल नीतियाँ जारी रखता है, तो अगले 5 वर्षों में Greater Noida की प्रॉपर्टी वैल्यू 40–50% तक बढ़ सकती है।”

क्या चुनौतियाँ अब भी बरकरार हैं?

बड़े अवसरों के साथ बड़ी चुनौतियाँ भी हैं।

  1. बिजली और जल आपूर्ति: बढ़ते औद्योगिक दबाव से इन सेवाओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

  2. कानूनी विवाद: कुछ भूखंडों पर अधिग्रहण से जुड़ी याचिकाएँ पहले से लंबित हैं।

  3. पर्यावरण अनुमति: IT पार्क्स को ग्रीन बिल्डिंग मानकों के तहत प्रमाणित करना आवश्यक होगा।

  4. प्रतिस्पर्धा: Noida और Gurgaon पहले से स्थापित हब हैं — नए निवेशक को Greater Noida पर भरोसा करने के लिए ठोस प्रोत्साहन चाहिए।

इन सबके बावजूद, योजना का भविष्य उज्ज्वल दिखता है क्योंकि GNIDA ने पिछले दो वर्षों में तेज़ी से approval timelines घटाई हैं — पहले 180 दिन लगते थे, अब 45 दिन में क्लियरेंस मिल सकता है।

भविष्य की दिशा: क्या ग्रेटर नोएडा बनेगा नया “टेक सिटी”?

उत्तर प्रदेश सरकार की 2030 विकास दृष्टि में यह साफ कहा गया है कि “Greater Noida और Yamuna Expressway क्षेत्र को डिजिटल और औद्योगिक राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा।”
यदि 6 भूखंड योजना को मंज़ूरी मिलती है, तो अगले तीन सालों में यहां 15,000 से अधिक नए रोजगार, ₹5,000 करोड़ से अधिक का निवेश और 10 लाख वर्गमीटर से अधिक निर्माण क्षेत्र जुड़ सकता है।

यह बदलाव न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था बल्कि पूरे NCR की urban migration और employment dynamics को पुनर्परिभाषित कर देगा।

निष्कर्ष: उम्मीदों का शहर या भविष्य की टेक राजधानी?

Greater Noida आज एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहां से वह NCR की “sleeping suburb” से निकलकर “Smart Tech City” बन सकता है।

हालांकि “6 भूखंड योजना” अभी विचाराधीन है, लेकिन सरकारी नीतियाँ, निवेशक रुझान, और बुनियादी ढाँचे की प्रगति इस दिशा में स्पष्ट संकेत दे रही हैं।

अगर GNIDA ने वादों को हकीकत में बदला, तो IT parcels Greater Noida शब्द आने वाले समय में उतना ही प्रसिद्ध होगा जितना आज “Cyber City Gurgaon” या “Electronic City Bangalore” हैं।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्रश्न 1: क्या ग्रेटर नोएडा में वास्तव में 6 IT भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं?
उत्तर: अभी नहीं। फिलहाल यह एक प्रस्तावित योजना है। GNIDA ने FAR वृद्धि और भूखंड पहचान की प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन आधिकारिक अधिसूचना आना बाकी है।

प्रश्न 2: FAR क्या है और इसका IT कंपनियों से क्या संबंध है?
उत्तर: FAR यानी Floor Area Ratio। इसे बढ़ाने से एक ही भूखंड पर ज्यादा निर्माण संभव होता है। यह IT कंपनियों के लिए फायदेमंद है क्योंकि उन्हें ऊँचे टॉवर्स और बड़े ऑफिस स्पेस की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 3: कौन-कौन सी कंपनियाँ यहां निवेश कर सकती हैं?
उत्तर: Foxconn, TCS, Tech Mahindra, Adani Data Networks, और Hiranandani Group जैसी कंपनियाँ इस क्षेत्र में रुचि दिखा चुकी हैं।

प्रश्न 4: इस योजना से कितने रोजगार बन सकते हैं?
उत्तर: विशेषज्ञों के अनुसार, यदि योजना पूरी तरह लागू हुई तो अगले 3 वर्षों में 15,000–20,000 रोजगार सृजित हो सकते हैं।

प्रश्न 5: आम जनता को इससे क्या लाभ होगा?
उत्तर: रोजगार, व्यापारिक अवसर, संपत्ति मूल्य में वृद्धि और बेहतर शहरी सुविधाएँ — यह सब ग्रेटर नोएडा के आम नागरिकों के लिए दीर्घकालिक लाभ साबित होंगे


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