त्योहारों से पहले बढ़े दाम! Gold Silver Price Today में रिकॉर्ड उछाल, जानिए वजह
भारत के सामान्य निवेशक, गहने खरीदने वाले, शादी-त्योहार योजना करने वाले, और धातु निवेशकों की नजर आज (12 अक्टूबर 2025) gold silver price today पर टिकी हुई है। दरों का साइकल और उतार-चढ़ाव न केवल घरेलू मांग द्वारा, बल्कि वैश्विक बाजार, मुद्रा विनिमय दरों और नीतिगत फैसलों द्वारा निर्धारित होता है। इस रिपोर्ट में हम आज की दरों के साथ कल की तुलना, विशेषज्ञ विश्लेषण, ऐतिहासिक रुझान और आगे की संभावना पर गौर करेंगे।
आज की दरें: 12 अक्टूबर 2025
भारत की प्रमुख वेबसाइटों और बाजार स्रोतों के अनुसार:
24K सोना (प्योर गोल्ड / 999) — ₹12,508 प्रति ग्राम
22K सोना — ₹11,465 प्रति ग्राम
18K सोना — ₹9,381 प्रति ग्राम
चांदी की दर (1 किलोग्राम) लगभग ₹1,80,000 है।
Mathrubhumi की रिपोर्ट के अनुसार 10 ग्राम 24K सोना ₹1,25,080 पर ट्रेड कर रहा है।
GoodReturns साइट यह लिखती है कि आज की ये दरें (24K, 22K, 18K) पिछले दिन से (कल) बिना बदलाव हैं।
यहां एक संक्षिप्त सारणी दी गई है:
| धातु / करात | आज की दर (प्रति ग्राम) | टिप्पणी |
|---|---|---|
| 24K सोना | ₹12,508 | शुद्ध धातु मूल्य |
| 22K सोना | ₹11,465 | ज्वैलरी प्रयोजन में प्रयुक्त |
| 18K सोना | ₹9,381 | मिश्रित धातु अनुपात का सोना |
| चांदी | ~ ₹1,80,000 / किलोग्राम | लगभग ₹180 प्रति ग्राम (औसत) |
महत्वपूर्ण: ये दरें स्पॉट / बेंचमार्क दरें हैं; उनमें मेकिंग चार्ज, जीएसटी / टैक्स, और ज्वैलर्स का प्रीमियम शामिल नहीं हो सकते हैं।

कल (11 अक्टूबर 2025) की दरों से तुलना
कल की दरों की जानकारी ज्ञात स्रोतों से:
GoodReturns की रिपोर्ट बताती है कि 11 अक्टूबर को:
24K सोना (10 ग्राम) ₹1,24,260 पर था; अर्थात् प्रति ग्राम ~ ₹12,426
22K सोना (10 ग्राम) ₹1,13,900; प्रति ग्राम ~ ₹11,390
18K सोना (10 ग्राम) ₹93,190; प्रति ग्राम ~ ₹9,319
चांदी (1 किलो) ₹1,77,000
तो प्रति ग्राम तुलना:
| करात | 11 अक्टू दर (प्रति ग्राम) | 12 अक्टू दर | बदलाव |
|---|---|---|---|
| 24K | ~ ₹12,426 | ₹12,508 | + ₹82 |
| 22K | ~ ₹11,390 | ₹11,465 | + ₹75 |
| 18K | ~ ₹9,319 | ₹9,381 | + ₹62 |
चांदी की 1 किलोग्राम दर कल ₹1,77,000 थी, आज ~ ₹1,80,000 रही — वृद्धि ~ ₹3,000 प्रति किलोग्राम।
इस तुलना से स्पष्ट है कि आज की दरों में हल्की बढ़ोतरी हुई है — न तो बहुत अधिक उतार, न पूरी तरह से स्थिर — लेकिन रुझान ऊपर की ओर दिखता है।
दरों पर प्रभाव डालने वाले कारक
1. त्योहारी और विवाह की मांग
अक्टूबर–नवंबर भारत में सोने और चांदी की मांग का शीर्ष समय रहता है — धनत्रयोदशी, दिवाली, शादी-भाई का मौसम। इस समय लोग अधिक गहने खरीदते हैं और सोने को निवेश की नजर से भी देखते हैं, जिससे मांग बढ़ती है। Times of India की रिपोर्ट कहती है कि “सोना और चांदी की दरें इस सप्ताह उतार-चढ़ाव में रहने की संभावना है क्योंकि निवेशक भारतीय त्योहारी मांग और अमेरिका की मुद्रास्फीति को देख रहे हैं।”
2. वैश्विक बाजार एवं डॉलर का प्रभाव
सोना और चांदी अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी मार्केट में व्यापार किए जाते हैं। यदि अमेरिकी डॉलर कमजोर हो, तो अन्य देशों में सोना सस्ता हो जाता है — जिससे भारतीय खरीदारों को अधिक दर चुकानी पड़ सकती है। इसके अलावा, वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियाँ, और मुद्रास्फीति डेटा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। Pranav Mer, JM Financial के कमोडिटी एवं मुद्रा अनुसंधान विभाग के उपाध्यक्ष, बताते हैं कि निवेशक अमेरिकी नीतियों, मुद्रास्फीति और फेडरल रिजर्व की टिप्पणियों पर पैनी नजर रखेंगे।
3. आयात शुल्क, जीएसटी एवं कर नीतियाँ
भारत अधिकांश सोने का आयात करता है, इसलिए कस्टम ड्यूटी, आयात शुल्क और अन्य कर दरें सीधे घरेलू दरों पर असर डालती हैं। यदि सरकार आयात शुल्क बढ़ाती है, तो घरेलू सोना महंगा हो जाएगा। इसके अलावा, सोने / चांदी गहने और उनके हॉलमार्किंग, जीएसटी व्यवस्था, और टैक्स संरचनाएं दरों के बीच भिन्नता ला सकती हैं।
4. सट्टा गतिविधि और शॉर्ट-टर्म निवेश
धातु बाजार शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स और स्पेक्यूलेटर्स की गतिविधियों से भी प्रभावित होते हैं। यदि बाजार में उछाल दिखाई दे, तो निवेशक “sell-on-rise” (उठान पर बेचना) रणनीति अपना सकते हैं। यह तेजी और गिरावट दोनों को बढ़ा सकता है।
5. स्थानीय प्रीमियम, मेकिंग चार्ज और वितरण लागत
वे दरें जो ऑनलाइन प्रकाशित होती हैं, उनमें स्थानीय ज्वैलर्स का प्रीमियम, श्रम लागत और वितरण खर्च शामिल नहीं हो सकते। ये प्रांतीय और शहर स्तर पर भिन्न हो सकते हैं। इसलिए, एक ही शहर में अलग-अलग दुकानों में दरों में अंतर मिलता है।
ऐतिहासिक रुझान और निवेश दृष्टिकोण
पिछले वर्ष और वर्षों के रुझान इस बात का संकेत देते हैं कि सोना दीर्घकालीन निवेश के लिए एक लोकप्रिय विकल्प रहा है। World Gold Council के आंकड़े बताते हैं कि सोने की दरों में वर्ष दर वर्ष वृद्धि रही है (हालांकि उतार-चढ़ाव के साथ)।
भारत में सोने और चांदी की मांग में समय के साथ बदलाव हो रहा है — बहुत से निवेशक अब शुद्ध गहने खरीदने की बजाय सोना ETF (Exchange Traded Funds) में निवेश कर रहे हैं। Reuters की रिपोर्ट बताती है कि सितंबर 2025 में भारत में सोना-चांदी ETF में रिकॉर्ड प्रवाह हुआ, जिससे AUM (Assets Under Management) $10 बिलियन की उच्चतम सीमा तक पहुँचा।
इसके अतिरिक्त, यह ध्यान देने योग्य है कि भारत ने 2025 में अपने “Gold Monetisation Scheme” (सोना जमा स्कीम) के कुछ भागों को बंद कर दिया है। यही एक संकेत हो सकता है कि सरकार सोने से जुड़े वित्तीय संचालन को नियंत्रित करना चाहती है।
उद्योग विश्लेषक और ज्वैलर्स अक्सर सलाह देते हैं कि यदि सोने की दर गिरावट पर हो, तो बारीकी से देखना चाहिए और उस समय खरीदारी करने पर विचार करना चाहिए। लंबी अवधि निवेशकों के लिए, सोना एक हेज (inflation protection) का साधन माना जाता है।

विशेषज्ञ दृष्टिकोण
JM Financial के Pranav Mer ने कहा है कि आने वाले सप्ताह में सोने और चांदी की दरों में उतार-चढ़ाव की संभावना है और घरेलू त्योहारी मांग तथा अमेरिकी मुद्रास्फीति के संकेतक महत्वपूर्ण होंगे।
कई विश्लेषकों ने बताया है कि बाजार में “buy-on-dips” (गिरावट पर खरीद) रणनीति अपनाई जा सकती है, जबकि यदि दरें ऊँची हों, तो “sell-on-rise” (उठान पर बेच) रणनीति असर दिखा सकती है।
ज्वैलर्स और आयात व्यापारियों के पास एक अनौपचारिक नेटवर्क होता है जो दरों को प्रभावित कर सकता है — उदाहरण स्वरूप, वे बड़े ऑर्डर आना या छुपा रखना शुरू करते हैं, जिससे कमी या वृद्धि दिखे।
सरकारी दृष्टिकोण भी महत्वपूर्ण है — भारत सरकार यदि आयात दरों, कस्टम ड्यूटी या भारतीय कर नीतियों (जैसे जीएसटी) में बदलाव करती है, तो इसका सीधा असर धातु दरों पर पड़ेगा।
निष्कर्ष
आज, यानी 12 अक्टूबर 2025 को भारत में gold silver price today पर सोने की दरों में हल्की बढ़ोतरी देखी गई है, जबकि चांदी भी मजबूती के साथ बनी हुई है। 24K सोना ₹12,508/ग्राम, 22K ₹11,465/ग्राम और 18K ₹9,381/ग्राम रही। कल की तुलना में ये सभी दरें ऊपर गईं।
ये दरें त्योहारी मांग, अमेरिकी नीतियाँ, वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, मुद्रा विनिमय दर, और सरकार की कर नीतियों के मिश्रित प्रभावों का परिणाम हैं। निवेशक और गहने खरीदार दोनों को सावधानी की सलाह दी जाती है — यदि संभव हो, तो खरीदारी के लिए उतार पर机会 देखें और स्रोतों की विश्वसनीयता जाँचे।
अगर आप चाहते हैं, तो मैं आपके शहर (जैसे दिल्ली, मुंबई, पटना आदि) की दरें और विश्लेषण भी प्रस्तुत कर सकता हूँ — ताकि आपके पाठक को और ज़्यादा प्रासंगिक जानकारी मिले। क्या मैं वो करूँ?
FAQ
Q1: क्या ये आज की दरें हर शहर में समान होंगी?
नहीं। ये दरें बेंचमार्क / स्पॉट दरें हैं। शहर स्तर पर, ज्वैलर्स मेकिंग चार्ज, प्रीमियम, वितरण शुल्क आदि अलग जोड़ सकते हैं, जिससे दरें भिन्न हो सकती हैं।
Q2: सोना निवेश के लिए अभी समय अच्छा है या नहीं?
यदि आप लंबी अवधि का निवेश करना चाहते हैं तो सोना अभी भी एक विश्वसनीय विकल्प हो सकता है, खासकर यदि मुद्रा कमजोर हो या मुद्रास्फीति बढ़े। लेकिन अगर आप अल्पकालीन लाभ की तलाश में हैं, तो सावधानी से “sell-on-rise” रणनीति अपनाना बेहतर होगा।
Q3: चांदी की दर में तेजी क्यों है?
चांदी न सिर्फ गहने धातु है बल्कि औद्योगिक उपयोग में भी आती है (इलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा, उपकरण आदि)। यदि उद्योगों की मांग बढ़े या सामग्री कमी हो, तो चांदी की दर और बढ़ सकती है।
Q4: सोना ETF क्या है और इसका लाभ क्या है?
Gold / Silver ETF एक वित्तीय साधन है जहाँ आप धातु में बिना वास्तविक धातु थामे निवेश कर सकते हैं। यह तरल है, खरीद-फरोख्त आसान है और भंडारण की समस्या नहीं होती। भारत में ETF निवेश की लोकप्रियता बढ़ रही है।
Q5: क्या सरकार की नीतियाँ दरों को अचानक बदल सकती हैं?
हाँ। सरकार यदि आयात शुल्क, कस्टम ड्यूटी, जीएसटी, या धातु नीति संबंधी बदलाव करती है, तो धातु दरों पर तुरंत असर पड़ सकता है।



