Saheli Smart Card कब शुरू होगा और कैसे काम करेगा? जानिए हर अहम जानकारी
Saheli Smart Card योजना ने राजधानी दिल्ली में महिलाओं और ट्रांसजेंडर यात्रियों के लिए मुफ्त-बस-यात्रा को एक नए स्वरूप में पेश किया है। इस लेख में हम विस्तार से बताएँगे कि यह योजना कब से शुरू होगी, कैसे काम करेगी, पात्रता-दस्तावेज़ क्या हैं, पंजीकरण प्रक्रिया क्या होगी, साथ ही इस पहल के पीछे के उद्देश्य, चुनौतियाँ और भविष्य की संभावनाएँ भी आपके सामने होंगी।
परिचय
दिल्ली सरकार ने पिछले कुछ वर्षों से महिलाओं के लिए सार्वजनिक बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी है — यह सुविधा अब डिजिटल-स्मार्ट कार्ड रूप में सामने आ रही है जिसे Saheli Smart Card कहा गया है। इससे पहले यह सुविधा कागज़-“पिंक टिकट” के रूप में थी। अब इस नए स्मार्ट कार्ड से यह योजना और भी पारदर्शी, नाम-फोटो आधारित और तकनीक-सक्षम बनने जा रही है।
इस बदलाव के अंतर्गत यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम जानें: यह नया कार्ड कब से शुरू होगा, प्रक्रिया क्या है, किन-किन बिंदुओं पर ध्यान देना होगा और इसे किन-किन इलाकों/व्यक्तियों के लिए उपयोगी बनाया गया है।

कब से शुरू होगा?
- सरकार के आधिकारिक बयानों के अनुसार, Saheli Smart Card की शुरुआत 15 अगस्त 2025 (स्वतंत्रता दिवस) से की जाने की योजना बनी थी।
- हालांकि विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में यह स्पष्ट किया गया है कि “शीघ्र” लागू किया जाएगा और प्रारंभ-परिस्थितियाँ पूरी होते ही चरणबद्ध लॉन्च होगा।
- कुछ स्रोतों में यह दर्ज है कि प्रस्तावित रोल-आउट जुलाई 2025 के आसपास है और बैंक/केवाईसी प्रक्रिया के बाद शुरुआत होगी।
- मतलब यह कि कार्यक्षम शुरुआत मध्य-2025 में होगी, और पूरी तरह से लागू होने में कुछ समय लग सकता है — इसलिए लाभार्थियों को पहले से तैयार रहना होगा कि पंजीकरण खुलते ही आवेदन करें।
योजना कैसे काम करेगी?
पात्रता व दस्तावेज़
- योजना का लाभ दिल्ली निवासी महिलाएं और ट्रांसजेंडर 12 वर्ष या उससे अधिक उम्र की ले सकती हैं।
- निवास प्रमाण (दिल्ली में स्थायी या वैध पता) अनिवार्य है।
- अन्य दस्तावेज़ों में: आधार-कार्ड, पैन-कार्ड, पासपोर्ट-साइज फोटो, बैंक केवाईसी के लिए अन्य दस्तावेज़ शामिल हैं।
- कार्ड नाम-फोटो आधारित होगा तथा Saheli Smart Card को Delhi Transport Corporation (DTC) एवं क्लस्टर-बसों के लिए असीमित मुफ्त यात्रा सुविधा के साथ जारी किया जाएगा।
पंजीकरण व प्रक्रिया
- इच्छुक उम्मीदवार को DTC की वेबसाइट या-पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा।
- उसके बाद बैंक/वित्तीय संस्था चुननी होगी जो इस कार्ड को जारी करेगी। केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
- सत्यापन के बाद बैंक द्वारा कार्ड आवेदनकर्ता के पते पर भेजा जाएगा। उसके बाद कार्ड को एक्टिवेट करना होगा DTC के ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम (AFCS) के माध्यम से।
- कार्ड को फंसे हुए अन्य ट्रांसपोर्ट-मोड (जैसे मेट्रो) में टॉप-अप सुविधा के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है, हालांकि मुफ्त यात्रा सिर्फ बसों के लिए है।
कब से मुफ्त यात्रा शुरू होगी?
- जैसे ही कार्ड सक्रिय होगा और बसों में टैप-रीडर सिस्टम पूरी तरह काम करेगा, उस दिन से मुफ्त यात्रा सुविधा लागू होगी।
- सरकार के अनुसार, बसों में स्मार्ट-कार्ड रीडर और अन्य तकनीकी तैयारी पहले से चल रही है।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ
पूर्व व्यवस्था और बदलाव
- दिल्ली सरकार ने 29 अक्टूबर 2019 को “पिंक टिकट” के नाम से महिलाओं के लिए मुफ्त बस-यात्रा की शुरुआत की थी।
- पिंक टिकट प्रणाली में किसी नाम-फोटो वैरिफिकेशन नहीं था, जिससे कथित दुरुपयोग की शिकायतें जानें में आईं। नए स्मार्ट-कार्ड मॉडल का उद्देश्य इन्हीं खामियों को दूर करना है।
क्षेत्रीय सीमा
- इस योजना का लाभ केवल दिल्ली निवासी लोगों को मिलेगा — नोएडा, गुड़गाँव, ग़ाज़ियाबाद आदि NCR के बाहर-निवासी इस मुफ्त सुविधा का हिस्सा नहीं बनेंगे।
- बस-यात्रा के लिए मुफ्त सुविधा सिर्फ DTC और क्लस्टर-बस पर वैध है। मेट्रो, टैक्सी, ऑटो-रिक्शा आदि में यह मुफ्त यात्रा लागू नहीं होगी।
तकनीकी एवं प्रशासनिक पहलू
- कार्ड NCMC (National Common Mobility Card) प्लेट-फार्म के अंतर्गत होगा, जिससे आगे-वाले ट्रांसपोर्ट मोड्स में इंटीग्रेशन संभव होगा।
- बैंक द्वारा कार्ड जारी किया जाएगा — DTC सीधे कार्ड जारी नहीं करेगा।
- कार्ड खो जाने पर बैंक को तुरंत सूचना देना होगी। कार्ड के पुनःजारीकरण के नियम बैंक तय करेंगी।
चुनौतियाँ
- निवास प्रमाण या केवाईसी उपलब्ध न होने की स्थिति में पात्रता से बाहर रहना पड़ सकता है।
- तकनीकी रीडर-सिस्टम, कार्ड वितरण-प्रक्रिया आदि में देरी हो सकती है।
- इस प्रकार की योजनाओं में परिचालन-भय (roll-out fear) आम है — प्रयास होगा कि शुरुआत में कार्ड-मात्रा कम ही जारी हों और धीरे-धीरे पूरी क्षमता पर जाएँ।
- डिजिटल पहुँच-सक्षमता का सवाल — जिन महिलाओं-व्यक्तियों के पास बैंक या इंटरनेट सुविधा सीमित है, उन्हें सहायता की आवश्यकता हो सकती है।
निष्कर्ष
Saheli Smart Card योजना एक महत्वपूर्ण कदम है सार्वजनिक परिवहन-पहुँच, लैंगिक-समानता एवं समावेशन की दिशा में। यदि यह समय-सारणी के अनुरूप लॉन्च हो जाए और पंजीकरण-प्रक्रिया सरल एवं सुगम हो, तो इससे दिल्ली की महिलाओं और ट्रांसजेंडर समुदाय को दिन-प्रतिदिन की आवाजाही में बड़ी सुविधा मिलेगी।
हालाँकि, इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि इसे कितनी शीघ्रता और समावेशी-रूप से लागू किया जाए। विशेष रूप से उन लाभार्थियों तक पहुँच सुनिश्चित करना- जो तकनीकी या दस्तावेजी बाधाओं का सामना कर सकते हैं — यह बहुत अहम होगा।
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(FAQ)
Q1. Saheli Smart Card के लिए पात्र कौन-कौन है?
उत्तर: दिल्ली में रहने वाली महिलाएं व ट्रांसजेंडर व्यक्ति जो 12 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हों, और जिनके पास दिल्ली का निवास प्रमाण हो, Saheli Smart Card के लिए पात्र हैं।
Q2. यह कार्ड किन परिवहन-मोड्स में मुफ्त यात्रा देगा?
उत्तर: इस कार्ड के तहत मुफ्त यात्रा सिर्फ DTC एवं क्लस्टर-बसों पर संभव है। मेट्रो, ऑटो-रिक्षा, टैक्सी आदि में मुफ्त यात्रा नहीं है; यदि कार्ड में टॉप-अप होगा तो अन्य मोड्स में उपयोग हो सकेगा पर मुफ्त नहीं।
Q3. पंजीकरण प्रक्रिया क्या है?
उत्तर: आवेदक को DTC के पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा, बैंक-केवाईसी पूरा करना होगा, निवास प्रमाण तथा अन्य दस्तावेज जमा करना होगा। सत्यापन के बाद कार्ड बैंक द्वारा आवेदक के पते पर भेजा जाएगा।
Q4. क्या इस कार्ड के साथ किसी शुल्क का भुगतान करना होगा?
उत्तर: सरकार यात्रा के लिए शुल्क नहीं ले रही है; लेकिन कार्ड इशू करने वाला बैंक कार्ड जारी करने या रख-रखाव के लिए मामूली शुल्क ले सकता है।
Q5. अगर कार्ड खो जाए या क्षतिग्रस्त हो जाए तो क्या करना होगा?
उत्तर: कार्ड खोने या क्षतिग्रस्त होने पर तुरंत उसे जारी बैंक को सूचना देना होगी। बैंक अपनी नियमावली के अनुसार नया कार्ड जारी करेगा।



