Pune में भारी बारिश और बांधों से बढ़ा जल प्रवाह: क्या जानें और कैसे रहें सुरक्षित
परिचय
महाराष्ट्र के पुणे जिले में मानसून के दौरान भारी बारिश के कारण बाढ़ और जलप्रवाह की स्थिति गंभीर होती जा रही है। इस समय, पुणे शहर में Pavana और Mulshi बांधों से पानी की अत्यधिक निकासी की जा रही है, जिसके चलते आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। जैसे-जैसे बांधों से जल प्रवाह बढ़ रहा है, पुणे शहर और इसके उपनगरों के निवासी चितावनी पर हैं। यह लेख आपको पुणे में बारिश के कारण हो रही स्थिति और सुरक्षा उपायों के बारे में पूरी जानकारी देगा।
आईएमडी का पूर्वानुमान और रेड अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार, 18 अगस्त को महाराष्ट्र में अगले पांच दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी थी। आईएमडी ने पुणे जिले में 19 अगस्त को ‘येलो अलर्ट’ जारी किया था, जो दर्शाता है कि यहां हल्की से मध्यम बारिश के साथ तूफान और तेज हवाएं भी चल सकती हैं। इसके बाद बारिश का स्तर कुछ हद तक कम हो जाएगा, लेकिन अगले 24 घंटे बेहद महत्वपूर्ण होंगे।
आईएमडी द्वारा जारी रेड अलर्ट के अनुसार मुंबई, ठाणे, रायगढ़, पालघर, पुणे और सतारा जिले के घाट क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश की संभावना है। पुणे शहर भी इस मौसम के असर से प्रभावित हो रहा है, और यहां लोगों को बाढ़ की संभावनाओं के बारे में सचेत किया गया है।
पावना और मुलशी बांधों से जल प्रवाह में वृद्धि
पुणे के प्रमुख जलाशय पावना और मुलशी बांधों में भारी वर्षा के कारण पानी की निकासी बढ़ा दी गई है। पावना बांध की क्षमता मंगलवार तक भर गई थी, और उसकी जल निकासी 2,860 क्यूसेक्स से बढ़कर 15,570 क्यूसेक्स कर दी गई। वहीं, मुलशी बांध से पानी की निकासी बढ़ाकर 25,400 क्यूसेक्स कर दी गई है।
पावना और मुलशी बांधों का पानी मु़ला और पावना नदियों के माध्यम से पुणे के विभिन्न हिस्सों में बहता है। इस वजह से, विशेष रूप से पिंपरी-चिंचवड क्षेत्र, जहां पावना और मु़ला नदियों का पानी बहता है, में बाढ़ के खतरे को लेकर चेतावनी दी गई है।
पिंपरी-चिंचवड के लिए नगर निगम की तैयारी
पिंपरी-चिंचवड नगर निगम (PCMC) ने इस आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। नगर निगम के आयुक्त, शेखर सिंह ने सभी संबंधित विभागों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इन उपायों में जलस्तर के बढ़ने पर राहत शिविरों का आयोजन, निचले इलाकों में सार्वजनिक घोषणा और आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर शामिल हैं।
नदी किनारे रहने वाले निवासियों को स्थानांतरित करने के लिए भी विभागों को सक्रिय किया गया है। स्थानीय स्कूलों को अस्थायी शरणगाहों के रूप में तैयार किया जा रहा है ताकि लोग यहां सुरक्षित रह सकें। इसके अलावा, शहर में सार्वजनिक स्वास्थ्य, दमकल, इंजीनियरिंग और पुलिस विभाग मिलकर आपातकालीन प्रबंधन में लगे हुए हैं।
रोग नियंत्रण के उपाय और स्वास्थ्य सेवाएं
बरसात के मौसम में बाढ़ के साथ ही जलजनित रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। इस खतरे से निपटने के लिए नगर निगम ने स्वास्थ्य विभाग को हाई अलर्ट पर रखा है। स्वच्छता बनाए रखने के लिए फॉगिंग और कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है। इसके साथ ही, स्वास्थ्य चेकअप और रोग निवारक उपाय भी तेज़ी से लागू किए जा रहे हैं।
आवश्यकतानुसार, नागरिकों को निकासी और स्वास्थ्य देखभाल के लिए महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है। बारिश और बाढ़ के दौरान, निवासियों को यह सलाह दी जा रही है कि वे किसी भी आपातकालीन स्थिति में प्रशासन के साथ सहयोग करें और सुरक्षित स्थानों पर जाएं।
पुलिस और यातायात व्यवस्था
पिंपरी-चिंचवड पुलिस ने भी यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण सड़कें अवरुद्ध हो सकती हैं, जिससे यातायात में रुकावट आ सकती है। पुलिस ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपने विभागों को अलर्ट किया है कि आपातकालीन वाहनों को आसानी से रास्ता मिल सके और किसी भी प्रकार की यातायात जाम से बचा जा सके।
आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर और संपर्क जानकारी
पिंपरी-चिंचवड नगर निगम ने आपातकालीन स्थिति के दौरान नागरिकों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। यदि किसी को मदद की आवश्यकता हो, तो वे इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं:
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PCMC मुख्य नियंत्रण कक्ष: 020-67331111 / 020-28331111
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दमकल विभाग: 7030908991
इसके अलावा, अतिरिक्त दमकल स्टेशन संपर्क नंबर भी सार्वजनिक किए गए हैं ताकि शीघ्र सहायता मिल सके।
निवासियों से अपील
नगर निगम के आयुक्त शेखर सिंह ने शहरवासियों से अपील की है कि वे नदी किनारे या निचले क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों के लिए सरकार की ओर से की जा रही सहायता को स्वीकार करें और सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित हो जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है और किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
पुणे में भारी बारिश और बांधों से बढ़े जल प्रवाह के कारण बाढ़ की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नागरिकों को सतर्क रहना बेहद जरूरी है। नगर निगम और प्रशासन ने इस स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी की है। हालांकि, यह समय सावधानी बरतने का है और प्रशासन द्वारा दी जा रही जानकारी और निर्देशों का पालन करना चाहिए।