Dhadak 2 Review: क्या सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी की फिल्म छू पाएगी ‘Pariyerum Perumal’ जैसी गहराई या सिर्फ रीमेक?

Dhadak 2 review

Dhadak 2 review : क्या यह रीमेक दिल को छूता है या उम्मीदों से चूकता है?


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🟡 फिल्म की पृष्ठभूमि और निर्देशन

बॉलीवुड की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘Dhadak 2’ आज सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है। इसका निर्देशन शाज़िया इक़बाल ने किया है और यह 2018 की तमिल फिल्म ‘Pariyerum Perumal’ की आधिकारिक हिंदी रीमेक है। फिल्म में सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी की जोड़ी पहली बार पर्दे पर साथ नजर आई है।

यह फिल्म सिर्फ प्रेम कहानी नहीं है, बल्कि जातिवाद, सामाजिक असमानता और दलित शोषण जैसे विषयों पर गहराई से प्रकाश डालती है।


🧠 कहानी की गहराई और सामाजिक संदेश 

कहानी निलेश (सिद्धांत चतुर्वेदी), जो एक दलित कानून छात्र है, और विधि (तृप्ति डिमरी), जो एक उच्च जाति की लड़की है, के बीच प्रेम संबंध पर आधारित है। फिल्म में जातिवादी भेदभाव, छात्र राजनीति और सामाजिक पूर्वग्रहों को बेझिझक दर्शाया गया है।

  • जब निलेश का सरनेम शादी के कार्ड से हटाया जाता है—वह दृश्य आपके रोंगटे खड़े कर देगा।

  • शोषण और फर्जी आरोपों का सच बखूबी उभारा गया है।

 


🎭 अभिनय और प्रदर्शन

  • सिद्धांत चतुर्वेदी ने दमदार अभिनय किया है। उनकी आंखों में गुस्सा, प्रेम और लाचारी सब झलकता है।

  • तृप्ति डिमरी ने विद्रोही प्रेमिका के रूप में गहराई से भावनाएं व्यक्त कीं।

  • सपोर्टिंग कास्ट में साद बिलग्राम, मंजरी पुपाला और विपिन शर्मा ने भी अपने किरदारों को जिंदा किया है।


📈 बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन की स्थिति

  • Adv. Booking: Dhadak 2 ने रिलीज़ से पहले लगभग 18,000 टिकटें बेचीं।

  • Box Office Clash: ‘Son of Sardaar 2’ से टक्कर के चलते स्क्रीन शेयर में कमी आई।

  • Day 1 Collection Estimate: ₹2.25 करोड़ (स्रोत: Sacnilk, TOI)


🧩 तकनीकी पक्ष: पटकथा, निर्देशन और संगीत

  • स्क्रीनप्ले: शाज़िया इक़बाल और राहुल बद्वेलकर की लेखनी सामाजिक मुद्दों पर फोकस करती है लेकिन कई जगह दोहराव नज़र आता है।

  • निर्देशन: सटीक, संवेदनशील और भावनात्मक रूप से असरदार।

  • संगीत: फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर कहानी में इमोशनल गहराई जोड़ता है, लेकिन कोई हिट गाना नहीं है।


🔎 क्या Dhadak 2 ‘Pariyerum Perumal’ की बराबरी कर पाई?

‘Pariyerum Perumal’ एक सिनेमा नहीं बल्कि आंदोलन था। उसकी आत्मा, ग्रामीण पृष्ठभूमि और वास्तविकता Dhadak 2 में शहरी टच के साथ आई है। हालांकि इसका मैसेज अब भी प्रभावशाली है, लेकिन मूल फिल्म जैसी सादगी और कच्चापन थोड़ा मिसिंग है।


🟢 निष्कर्ष (Conclusion)

Dhadak 2 एक ईमानदार प्रयास है जो जातिवाद जैसे संवेदनशील मुद्दों को पर्दे पर लाता है। यह फिल्म न केवल प्रेम कहानी है, बल्कि एक सामाजिक दस्तावेज भी है। हालांकि इसमें कुछ रचनात्मक खामियाँ हैं, लेकि

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