Lenskart IPO Update 2025: क्या निवेशक के लिए अवसर है?
Lenskart IPO Update आज शेयर बाजार की दिशा तय करने वालों और निवेशकों के लिए सबसे चर्चा में है। भारत की प्रमुख eyewear रिटेलर Lenskart Solutions Ltd ने इस साल अपने आईपीओ की घोषणा कर दी है और उसके बाद निवेशकों के बीच उत्साह-संशय दोनों देखने को मिल रहे हैं। कंपनी ने प्राइस बैंड, जमा शुल्क, हिस्सा बाँटने की युक्ति और खुद को कैसे स्थापित किया है—इन सब पर हमने गहराई से विश्लेषण किया है।
इस लेख में हम देखेंगे कि Lenskart का व्यवसाय मॉडल क्या है, आईपीओ की प्रमुख बातें क्या हैं, निवेशकों को किन जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है, विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं और आखिर में निवेशक को क्या कदम उठाना चाहिए — यानी एक संपूर्ण “Lenskart IPO Update”।
परिचय: Lenskart का सफर और अब आईपीओ की घड़ी
Lenskart की शुरुआत 2010 में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के रूप में हुई थी। बाद में इसने फिजिकल स्टोर नेटवर्क भी विकसित किया और अब भारत के साथ-साथ विदेशों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
हाल ही में Lenskart ने भारत में पहला पूरा eyewear-विशिष्ट कंपनी के रूप में अपनी आईपीओ प्रक्रिया शुरू की है। नियामक अनुमति मिलने के बाद, कंपनी ने 31 अक्टूबर 2025 से 4 नवंबर 2025 तक निवेशकों के लिए आवेदन खुलने का समय घोषित किया है।
Lenskart ने प्राइस बैंड ₹ 382-₹ 402 प्रति शेयर तय किया है। इस प्राइस बैंड के आधार पर, 2025 में कंपनी का संभावित वैल्यूएशन लगभग ₹ 69,700 करोड़ (≈US$7.9 बिलियन) है।
यह जानकारी निवेशकों को “क्या यह मौका है?” और “कितना जोखिम है?” यह समझने में मदद करेगी।
Lenskart IPO Update: प्रमुख जानकारियाँ
आईपीओ का स्वरूप और तारीखें
IPO ओपनिंग: 31 अक्टूबर 2025
बंद होना: 4 नवंबर 2025
प्राइस बैंड: ₹ 382-₹ 402 प्रति शेयर
कंपनी का लक्ष्य: तकरीबन ₹ 7,278 करोड़ (≈US$828 मिलियन) जुटाना।
नया इश्यू + ऑफर-फॉर-सेल (OFS): नए शेयरों के अलावा मौजूदा निवेशक और प्रमोटर्स शेयर बेच रहे हैं।
व्यवसाय-मॉडल और बाजार स्थिति
Lenskart ने ऑनलाइन-ऑफलाइन (omnichannel) रिटेल मॉडल अपनाया है। इसके पास भारत में 2,067 स्टोर और विदेशों में 656 स्टोर हैं। कंपनी ने फ्रेम्स और लेंसिंग में इन्टिग्रेशन भी बढ़ाई है और तकनीक-आधारित ग्राहक अनुभव पर जोर है।
वैश्विक eyeglasses मार्केट में भारत में अब तक आयोजन कम था, लेकिन बढ़ती दृष्टि-सम्बंधी समस्याएं और हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज से ये सेक्टर तेजी से उभर रहा है।
वैल्यूएशन और गेंप (Grey Market Premium)
IPO की प्राइस बैंड के हिसाब से कंपनी का वैल्यूएशन बहुत ऊँचा है। उदाहरण के लिए, इक्विटी एनालिस्ट ने इसे FY25 के सेल्स के आधार पर EV/Sales लगभग 10 गुना तथा EV/EBITDA करीब 68.7 गुना बताया है।
इसी बीच Grey Market Premium (GMP) ने संकेत दिया है कि आईपीओ के लिए पहले उत्साह था, लेकिन उसने थोड़ा संशय भी देखा। उदाहरण के लिए, आरंभ में ~₹ 120 GMP दर्ज हुआ था जो अब ~₹ 70 के आसपास आ गया है (लगभग 17% लिस्टिंग-पॉप का अनुमान)।
विशेषज्ञों की राय
मोहित गुलाटी (CIO, ITI Growth Opportunities Fund) का कहना है:
“मैं कंपनी ने जो बनाया है उसकी तारीफ करता हूँ — यह एक लीडर है, लेकिन सार्वजनिक बाजार सिर्फ ‘सपने’ नहीं खरीदती; वहाँ अंकगणित होना चाहिए।”
SBI Securities ने कहा है कि इस वैल्यूएशन पर “विस्तारित” कहा जा सकता है।
जोखिम-बिंदु
कंपनी के फ्रेम्स और कुछ लेंस सामग्री चीन से आयात होती है, जिससे सप्लाई चेन में व्यवधान संभव है।
प्रोमोटर स्तर पर एक जोखिम निकल कर आया है: एक मार्च-DRHP में कंपनी ने खुलासा किया है कि को-फाउंडर Sumeet Kapahi अपनी विश्वविद्यालय की डिग्री के प्रमाण नहीं खोज पा रहे हैं।
बहुत बड़े पैमाने पर आगे वृद्धि की उम्मीद है, यदि कंपनी इस गति को बनाए नहीं रख पाई तो निवेशकों को निराशा हो सकती है।

Lenskart IPO Update: निवेशक के लिए क्या मायने रखता है?
यहाँ हम तीन-चार मुख्य पहलुओं पर चर्चा करेंगे जिनसे समझना आसान होगा कि यह मौका है या ज्यादा जोखिम के साथ।
1. अवसर
भारत में और खासकर Tier-2/3 शहरों में eyewear की पहुँच अभी कम है — Lenskart इस अवसर को भुना सकता है।
प्रत्यक्ष-to-ग्राहक (D2C) मॉडल + रिटेल स्टोर्स + ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का संयोजन एक मजबूत आधार देता है।
IPO द्वारा जुटाए गए फंड से कंपनी अपनी तकनीक, क्लाउड/डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर और स्टोर नेटवर्क को और बढ़ाएगी।
2. जोखिम
यदि भविष्य में मार्जिन पर दबाव आए या विस्तार ठीक से नहीं हो पाए, तो यह वैल्यूएशन बोझ बन सकती है।
लिस्टिंग के तुरंत बाद “आसान लाभ” की उम्मीद रखने वाले निवेशकों को सीमित रिटर्न मिल सकते हैं — पहले GMP ने संकेत दिया ~17% संभव है।
बाज़ार में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, और अनऑर्गनाइज़्ड सेक्टर में बदलाव-चुनौतियाँ तेजी से हो सकती हैं।
3. रणनीति क्या हो सकती है?
अगर आप लॉन्ग-टर्म निवेशक हैं और कंपनी की कहानी में भरोसा रखते हैं, तो इस आईपीओ को विचार करने योग्य मान सकते हैं — लेकिन मास्टर-क्लास की तरह नहीं, जागरूक होकर।
अगर आप शॉर्ट-टर्म लाभ (लिस्टिंग-पॉप) के लिए हैं, तो इस आईपीओ में संभावित लाभ पहले से आंशिक रूप से बाजार में प्राइस्ड है और जोखिम भी है।
बेहतर होगा कि आप अपने जोखिम-प्रोफ़ाइल, अन्य निवेश विकल्प और मार्केट कंडीशन को ध्यान में रखकर इस निर्णय को लें।
निष्कर्ष
Lenskart IPO Update दर्शाता है कि भारत के उपभोक्ता-सामान्य रिटेल + तकनीक-मिश्रित मॉडल्स के लिए अभी भी अवसर हैं। Lenskart ने अपनी पहचान बनाई है, स्टोर-नेटवर्क, ब्रांड-वर्क, टेक्नोलॉजी-फोकस, ये सभी पॉइंट्स सकारात्मक हैं। साथ ही, इसकी IPO के समय स्थिति, प्राइस बैंड और वैल्यूएशन ऐसे हैं कि निवेशक को पूर्ण सावधानी के साथ कदम उठाना चाहिए।
तो, अगर आप “Lenskart IPO Update” के तहत इस अवसर को देखने जा रहे हैं, तो ध्यान रहेगा कि यह बढ़ती कहानी में निवेश है, न कि कोई गारंटीकृत रिटर्न का अवसर। समझ-बूझ के साथ तालमेल बनाइए; बाजार में उम्मीदों के साथ-साथ वास्तविकता में उतरने की भी ज़रूरत होगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1: Lenskart का आईपीओ कब खुल रहा है?
A1: Lenskart का आईपीओ 31 अक्टूबर 2025 को खुल रहा है और 4 नवंबर 2025 को बंद होगा।
Q2: प्राइस बैंड क्या है और यह निवेशक के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
A2: प्राइस बैंड ₹ 382-₹ 402 प्रति शेयर रखा गया है। यह इस बात का संकेत है कि किस दाम पर आप शेयर खरीद सकते हैं और इससे कंपनी का वैल्यूएशन भी तय होता है।
Q3: इस आईपीओ में सबसे बड़ी चुनौती क्या है?
A3: सबसे बड़ी चुनौती है कंपनी द्वारा तय वैल्यूएशन को साबित करना — तेजी से विस्तार करना, मार्जिन सुधारना और प्रतिस्पर्धा में बने रहना।
Q4: Grey Market Premium (GMP) का क्या मतलब है?
A4: GMP वो कीमत है जिसपर रूपये IPO आवेदनों से पहले अनौपचारिक रूप से शेयरों की खरीदी-बिक्री होती है। यह लिस्टिंग के संभावित लाभ का एक संकेत दे सकता है, लेकिन गारंटी नहीं।
Q5: मैं कैसे तय करूं कि मुझे इस आईपीओ में हिस्सेदारी लेनी चाहिए या नहीं?
A5: आप अपनी निवेश-शक्ति, जोखिम-सहनशीलता, समय-दृष्टि (कम-से-कम 3-5 साल) और इस कंपनी के व्यवसाय-मॉडल की विश्वसनीयता को ध्यान में रखें। यदि आप लंबी अवधि के लिए हैं, तो एक विकल्प हो सकता है; यदि शॉर्ट-टर्म लाभ के लिए हैं, तो पहले सावधानी से सोचें।



