Mumbai में मूसलधार बारिश ने मचाई तबाही: रेल, हवाई सेवाएं प्रभावित, जानें क्या करें सुरक्षित रहने के लिए
मुंबई, भारत का व्यस्ततम और सबसे बड़ा शहर, इस समय मूसलधार बारिश के कारण एक कठिन समय से गुजर रहा है। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने मुंबईवासियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सड़कों पर जलभराव, रेल और हवाई यातायात में बाधाएं, और मुम्बई की नदियाँ भी उफान पर हैं। इस लेख में हम आपको मुंबई की वर्तमान स्थिति से अवगत कराएंगे, साथ ही यह भी बताएंगे कि आप इस मुश्किल घड़ी में कैसे सुरक्षित रह सकते हैं।
1.
Mumbai मूसलधार बारिश: मुंबई में 300 मिमी वर्षा का रिकॉर्ड
मुंबई में पिछले चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है। आज, मंगलवार को 3 बजे तक शहर में 300 मिमी तक बारिश रिकॉर्ड की गई है। इस बारिश ने शहर के विभिन्न इलाकों को जलमग्न कर दिया है। गांधी मार्केट, हिंदमाता, अंधेरी सबवे और पूर्वी एक्सप्रेस हाईवे समेत कई प्रमुख सड़कों पर जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
जलभराव का कारण: भारी बारिश के कारण नालों और नदियों का पानी सड़कों पर आ गया है, जिससे यातायात बाधित हुआ है। विशेष रूप से, मंथन की सड़कों और रेलवे स्टेशनों में पानी की उच्च स्तर की वजह से कई मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं।
2.
Mumbai रेल सेवाएं प्रभावित: हार्बर लाइन पर स्थगन और लंबी देरी
रेल यातायात मुंबई में एक बड़ी समस्या बन गई है। केंद्रीय रेलवे ने हार्बर लाइन पर स्थानीय ट्रेनों की सेवाओं को स्थगित कर दिया है क्योंकि कई स्टेशनों पर ट्रैक जलमग्न हो गए हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) और कुरला के बीच के हिस्से में पानी भर गया है, जिसके कारण ट्रेनों का संचालन रोकना पड़ा।
साथ ही, लंबी दूरी की ट्रेनें भी ठाणे स्टेशन पर रुक गईं हैं। इसके अलावा, मुम्बई आने वाली ट्रेनें भी अंधेरी, माठेरे, और ठाणे जैसी जगहों पर रोक दी गई हैं।
3. हवाई सेवाएं प्रभावित: 8 फ्लाइट्स डायवर्ट, कई देरी से पहुंची
हवाओं में तेज़ी और कम दृश्यता के कारण, मुंबई के प्रमुख हवाई अड्डे से करीब 8 फ्लाइट्स को डायवर्ट कर दिया गया। इसके अलावा, कई फ्लाइट्स में भारी देरी भी हुई। मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे पर पानी भरने और उड़ान के लिए खराब परिस्थितियां उत्पन्न होने के कारण यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
4. मिटी नदी का बढ़ा जलस्तर: खतरे की घंटी
मुंबई में मिटी नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान के पास पहुंच गया है। कई वर्षों तक सूखी रहने के बाद, अब मिटी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया है और इसके तट पर बसी झुग्गियों को खतरा उत्पन्न हो गया है। बुधवार सुबह, मिटी नदी का जलस्तर 3.9 मीटर तक पहुँच गया, जिससे अधिकारियों ने आसपास के क्षेत्रों से करीब 350 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया।
मिटी नदी और उसके आसपास के इलाकों के लिए जारी किए गए सुरक्षा उपाय: खतरनाक बारिश के चलते, क्षेत्रीय प्रशासन ने एहतियाती उपायों के रूप में 5 NDRF (नेशनल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स) टीमें तैनात की हैं। इन टीमों का कार्य है प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजना।
5. बाढ़ से होने वाली बीमारियाँ: लेप्टोस्पायरोसिस का खतरा
यह भारी बारिश सिर्फ यातायात ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी खतरे की घंटी है। जलभराव और पानी में दूषित तत्वों के मिश्रण से लेप्टोस्पायरोसिस जैसी बीमारियाँ फैलने का खतरा बढ़ जाता है। यह बीमारी संक्रमित जानवरों के मूत्र या शरीर के तरल से फैलती है, जो बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में जल, मिट्टी और अन्य सतहों को संक्रमित कर सकती है।
लेप्टोस्पायरोसिस से बचने के उपाय:
पानी से बचें और यदि आप पानी में जाएं तो पूरी तरह से सुरक्षा उपायों का पालन करें।
संक्रमित पानी से दूर रहें और हाथ धोने की आदत डालें।
मच्छरों से बचने के लिए सुरक्षात्मक दवाओं का प्रयोग करें।
6. स्कूल, कॉलेज और कार्यालय बंद: WFH की सलाह
मुंबई की बाढ़ और भारी बारिश के कारण स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों को बंद कर दिया गया है। बीएमसी (BMC) ने निजी कंपनियों से भी अपील की है कि वे अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दें ताकि सड़क परिवहन में कोई दिक्कत न हो। यह एक समझदारी भरा कदम है ताकि शहर में किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके।
7. क्या करें सुरक्षित रहने के लिए?
इस कठिन समय में अपनी सुरक्षा और अपने परिवार की सुरक्षा को सबसे पहले प्राथमिकता दें। यहां कुछ उपाय दिए गए हैं, जिन्हें अपनाकर आप सुरक्षित रह सकते हैं:
घर से बाहर न निकलें: जब तक अत्यंत आवश्यक न हो, घर में ही रहें। सड़क पर चलने या वाहन चलाने से बचें।
सुरक्षित स्थानों पर रहें: यदि आप जलमग्न इलाकों में हैं तो तुरंत उच्च स्थानों की ओर जाएं। प्रशासन द्वारा घोषित सुरक्षित आश्रय स्थलों पर पहुंचें।
स्वास्थ्य का ध्यान रखें: प्रभावित क्षेत्रों में वायरस और बैक्टीरिया से बचने के लिए उचित स्वच्छता बनाए रखें। पानी से बचें और मच्छरों से भी बचाव करें।
समाचारों से अपडेट रहें: इस स्थिति में स्थानीय समाचारों पर ध्यान रखें और प्रशासन द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें।
8. प्रशासन की तरफ से उपाय
महाराष्ट्र सरकार और बीएमसी ने बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों को तेज़ कर दिया है। NDRF और राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय हैं। साथ ही, प्रभावित नागरिकों के लिए अस्थायी आवास और खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है।
निष्कर्ष
मुंबई की बारिश ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि शहर में बाढ़ और जलभराव की समस्या कितनी गंभीर हो सकती है। हालांकि प्रशासन द्वारा राहत कार्यों की पूरी कोशिश की जा रही है, फिर भी नागरिकों को इस स्थिति से निपटने के लिए सतर्क रहना होगा। हमें यह याद रखना चाहिए कि केवल सुरक्षित रहने के उपायों का पालन करके ही हम इस प्राकृतिक आपदा से बच सकते हैं।



