gold silver price आज – 26 October 2025 की पूरी जानकारी
आज के दौर में जब आर्थिक अनिश्चितता, मुद्रास्फीति-चिंताएं और वैश्विक व्यापार तनाव निवेशकों को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं, gold silver price (सोना-चाँदी की कीमतें) पर नजर रखना बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। भारत समेत ग्लोबल बाजारों में आज यानी 26 अक्टूबर 2025 को सोने और चाँदी की कीमतें कहाँ खड़ी हैं, कल से क्या बदला है, और आगे क्या संभावनाएं हैं — इस लेख में हम इन्हें विस्तार से जानेंगे।
परिचय
पिछले कुछ महीनों में सोना और चाँदी ने अभूतपूर्व तेजी देखी है। उदाहरण के लिए, वैश्विक स्तर पर सोना $4,000 औंस तक जा चुका था। ऐसी तेज वृद्धि के बाद बाजार में सुधार-संशोधन की आवाजें भी सामने आ रही हैं। भारत में भी 24 K, 22 K सोने और चाँदी की कीमतें अब बड़े-बड़े आंकड़ों पर आ चुकी हैं। इस परिस्थितिमें निवेशक, उपभोक्ता और ज्वेलरी क्रेता सभी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आज की कीमतें, कल से तुलना, और क्या आगे हो सकता है।

आज की कीमतें और कल की तुलना
निम्न तालिका में भारत के प्रमुख शहरों में 26 अक्टूबर 2025 को दर्ज की गई सोना-चाँदी की कीमतों का विवरण है और साथ में पिछले दिन की स्थिति का संदर्भ भी है (जहाँ उपलब्ध हो) —
| शहर | 24 K सोना (₹/10 ग्राम) | 22 K सोना (₹/10 ग्राम) | चाँदी (₹/किग्रा) | पिछली / सांकेत कीमत |
|---|---|---|---|---|
| मुंबई | ₹1,25,620 | ₹1,15,150 | ₹1,47,250 | कल-लगभग इसी स्तर पर स्थिर |
| दिल्ली | ₹1,25,793 | ₹1,15,323 | ₹1,46,990 | पिछले दिनों से हल्की कटौती |
| भारत (औसत) | ₹12,562/ग्राम (24 K) ₹1,25,620/10 ग्राम | ₹11,515/ग्राम (22 K) | – | — |
नोट: 24 K और 22 K सोना-चाँदी की कीमतें शहर-विशेष हो सकती हैं, ज्वेलरी मेकिंग चार्ज, जीएसटी आदि अलग-अलग होते हैं।
जापानी विश्लेषण के अनुसार, चाँदी की कीमत इस समय ~ ₹1,47,150/किग्रा के आसपास है जिसमें पिछले कुछ हफ्तों में गिरावट देखी गई है।
इस तरह, आज के लिए gold silver price में स्थिरता का माहौल दिख रहा है — सोने की कीमतें पिछले दिनों की ऊँचाई से कुछ नीचे आ चुकी हैं, जबकि चाँदी में भी सुधार के संकेत मिल रहे हैं।
क्यों आ रही है गिरावट-मुकाबला सुधार?
लाभ-निकासी (Profit-booking)
निवेशकों ने तेजी से बढ़ी सोना-चाँदी की ऊँचाइयों पर लाभ निकालना शुरू कर दिया है। उदाहरण के लिए, वैश्विक बाजारों में सोने ने रिकॉर्ड $4,381/औंस तक पहुँचकर फिर कुछ गिरावट देखी है। यह संकेत है कि सुनहरे धातुओं में जारी बुल-रन में फिलहाल एक ठहराव आ गया है।
डॉलर की मजबूती और ब्याज दरें
जब अमेरिकी डॉलर मजबूत होता है, तो विदेशी निवेशक सोने-चाँदी को कम आकर्षक पाते हैं क्योंकि इनकी कीमतें डॉलर में मापी जाती हैं। इसके अलावा, यदि Federal Reserve (एफआरबी) या अन्य केंद्रीय बैंक ब्याज दरें बना रहे हैं या बढ़ा रहे हैं, तो सुरक्षित निवेश (safe-haven) के रूप में धातुओं की भूमिका कुछ कम हो जाती है।
ग्लोबल व घरेलू मांग-सप्लाई संतुलन
विशेष रूप से चाँदी की मांग में तकनीकी एवं औद्योगिक उपयोग का हिस्सा बढ़ रहा है, लेकिन सप्लाई चेन, खनन लागत और वैश्विक व्यापार स्थिति ने दबाव भी उत्पन्न किया है। इस से निवेशक अधिक सतर्क हो रहे हैं।
भू-राजनीतिक और बाजार भावना
जब वैश्विक भू-राजनीति में सुधार या आशाएँ बढ़ती हैं, तो सुरक्षित आश्रय के रूप में सोना-चाँदी की मांग गिर सकती है। इसके विपरीत, अनिश्चितता में ये धातु तेजी से उठती हैं। इस समय अनिश्चितता घटने के संकेत मिले हैं, जिससे बाजार में सुधार की मुद्रा बनी है।
इस तरह, इन सभी कारकों ने मिलकर आज gold silver price में सुधार व स्थिरता का माहौल बनाया है।
निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है?
जब आप सोना-चाँदी में निवेश कर रहे हों या उपभोक्ता के रूप में खरीद-विक्रय कर रहे हों, तब निम्न बातों को ध्यान में रखना ज़रूरी है:
- यदि आप लंबी अवधि (5-10 वर्ष या उससे अधिक) के लिए हैं, तो अभी की गिरावट को अवसर के रूप में देखा जा सकता है क्योंकि ढांचागत (structural) कारण सोने-चाँदी के पक्ष में बने हुए हैं।
- यदि आपका समय-क्षित (short term) है, तो चिंतित रहने की जगह सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि कीमतें अस्थिर हो सकती हैं।
- भौतिक (physical) सोना-चाँदी खरीदते समय अतिरिक्त खर्च देखें: ज्वेलरी मेक-चार्जेस, जीएसटी, स्थानीय मार्जिन आदि। ये कीमतों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- पोर्टफोलियो में सोना-चाँदी का हिस्सा तय करें – विशेषज्ञ सामान्यतः सुझाव देते हैं कि कुल निवेश का शायद 5-10 % इससे बेहतर हिस्सा हो।
- स्थानीय कीमतें हमेशा ग्लोबल संकेतों से 100% समान नहीं होतीं। इसलिए बाजार के हर दिन अपडेट देखें।
भारत-विशिष्ट परिदृश्य
भारत में सोना-चाँदी की कीमतें वैश्विक स्तर के साथ-साथ घरेलू मुद्रा (₹), आयात दर, लोकल प्रीमियम व उत्सव-मांग पर भी निर्भर करती हैं। आइए देखें कुछ प्रमुख तथ्य:
- आज मुंबई में 24 K सोना ₹1,25,620/10 ग्राम पर है।
- दिल्ली में आज 24 K सोना लगभग ₹1,25,793/10 ग्राम दर्ज किया गया है।
- चाँदी की कीमत लगभग ₹1,47,150/किग्रा के आसपास रही है।
- भारत में “सोना-चाँदी का झटका” अनुभूति मार्च-अप्रैल तक बढ़ी थी, लेकिन अब सुधार की दिशा में रुख दिखा है।
उदाहरण के लिए, भारत में चाँदी ने पिछले 20 वर्षों में लगभग 668% की वृद्धि दर्ज की है। यह दिखाता है कि लंबे समय में ये धातु-उपयुक्त निवेश विकल्प रही हैं।

आगे की संभावनाएँ एवं नजर रखने योग्य स्तर
विश्लेषकों के अनुसार, निम्न-बिंदुओं पर नजर रखना जरूरी होगा:
- यदि सोना ने प्रमुख समर्थन (support) स्तर खो दिया तो कुछ कमजोरी दिख सकती है। उदाहरण के लिए, कुछ विश्लेषण ने सोने को $3,800-$3,670/औंस तक गिरने की संभावना जताई है।
- दूसरी ओर, यदि डॉलर कमजोर हुआ, ब्याज दरें गिरने लगीं या वैश्विक अनिश्चितताएँ बढ़ीं—तो सोना-चाँदी दोनों को पुनः मजबूती मिल सकती है।
- चाँदी विशेष रूप से औद्योगिक मांग (सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ) पर आधारित है, इसलिए तकनीकी बदलाव या सप्लाई-चेन परेशानी इसका दायरा बढ़ा सकती है।
इस प्रकार, आज की स्थिति सुधार की ओर संकेत करती है लेकिन बड़े निवेश निर्णय लेते समय “क्या बदल सकता है” यह समझना महत्वपूर्ण होगा।
निष्कर्ष
आज 26 अक्टूबर 2025 को gold silver price की स्थिति यही है कि सोने-चाँदी ने हाल ही में जबरदस्त रैली देखी थी, लेकिन अब एक सुधार मोड़ पर हैं। भारत एवं वैश्विक स्तर पर निवेशकों को यह समझना चाहिए कि यह गिरावट पूरी कहानी नहीं है, बल्कि एक ठहराव या सुधार का हिस्सा हो सकती है। यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो अभी भी मौके मौजूद हैं, लेकिन अगर समय-क्षित है, तो सावधानी के साथ आगे बढ़ना बेहतर होगा।
यह भी ध्यान रखें कि स्थानीय खरीद-बिक्री में प्रीमियम व टैक्स का प्रभाव व्यापक होगा। इसलिए विशेषज्ञों की सलाह लेना और अपने वित्तीय लक्ष्य के अनुरूप योजना बनाना बुद्धिमानी होगी।
FAQ
Q1. आज भारत में सोना-चाँदी की कीमतें कितनी हैं?
A. 26 अक्टूबर 2025 को मुंबई में 24 K सोना ~ ₹1,25,620/10 ग्राम, चाँदी ~ ₹1,47,250/किग्रा रही।
Q2. क्या सोना-चाँदी का बुल-रन खत्म हो गया है?
A. नहीं। विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान कमजोरी एक सुधार है — बुल-रन का अंत नहीं हुआ है।
Q3. निवेशक को अभी क्या करना चाहिए?
A. यदि लंबी अवधि के लिए हैं, तो धातुओं में हिस्सेदारी बनाए रखें; यदि शॉर्ट-टर्म हैं तो सतर्क रहें क्योंकि अभी अस्थिरता बनी हुई है।
Q4. चाँदी में इतनी गिरावट क्यों आयी?
A. चाँदी में निवेश-और-औद्योगिक माँग दोनों साथ बढ़ी थीं, लेकिन लाभ-निकासी, डॉलर की मजबूती व सप्लाई-चेन में सुधार की आशा ने गिरावट लाई।
Q5. क्या विदेशों की तुलना में भारत में सोना-चाँदी महँगे मिलते हैं?
A. हाँ। भारत में ज्वेलर्स, आयात शुल्क, मेक-चार्ज व टैक्स आदि के कारण सोना-चाँदी की खुदरा कीमतें ग्लोबल स्तर से अधिक होती हैं।



