Gold & Silver Rates 6 अक्टूबर 2025: भारत में आज सोने-चांदी की कीमतों ने रचा नया इतिहास
gold & silver rates आज यानी 6 अक्टूबर 2025 को एक बार फिर सुर्खियों में हैं। देशभर के बाजारों में सोने और चांदी की कीमतों में ज़बरदस्त उछाल देखने को मिला है। जहां 24 कैरेट सोने का भाव ₹7,200 प्रति ग्राम के पार पहुंच गया, वहीं चांदी ने भी ₹155 प्रति ग्राम का स्तर पार कर नया रिकॉर्ड बनाया। त्योहारों के मौसम की शुरुआत के बीच यह तेजी आम उपभोक्ताओं से लेकर निवेशकों तक के लिए चर्चा का विषय बन गई है।
परिचय
भारत में सोना और चांदी सिर्फ आभूषण नहीं बल्कि “भावनात्मक निवेश” का प्रतीक हैं। शादी-ब्याह, त्योहार, और धार्मिक परंपराओं में इनका विशेष महत्व है।
2025 में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अस्थिरता, ब्याज दरों की संभावित कटौती और डॉलर की कमजोरी ने कीमती धातुओं की मांग को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।
इस समय जब वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी के खतरे से जूझ रही है, तब gold & silver rates में तेजी को “safe haven demand” का परिणाम माना जा रहा है।
भारत में आज के सोने के रेट्स (6 अक्टूबर 2025)
| शुद्धता | प्रति ग्राम मूल्य | प्रति 10 ग्राम मूल्य | कल की तुलना |
|---|---|---|---|
| 24 कैरेट | ₹7,212 | ₹72,120 | +₹980 |
| 22 कैरेट | ₹6,609 | ₹66,090 | +₹900 |
| 18 कैरेट | ₹5,409 | ₹54,090 | +₹720 |
(स्रोत: इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन – IBJA, मुंबई)
आज दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में 24 कैरेट सोना ₹72,000 प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गया। यह अब तक का सबसे ऊँचा स्तर है।
कल (5 अक्टूबर 2025) को 24 कैरेट सोना ₹71,140 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। यानी एक ही दिन में लगभग ₹980 की बढ़ोतरी हुई है।
भारत में आज की चांदी की कीमतें
| शहर | प्रति ग्राम चांदी | प्रति किलो चांदी | कल की तुलना |
|---|---|---|---|
| दिल्ली | ₹155 | ₹1,55,000 | +₹700 |
| मुंबई | ₹156 | ₹1,56,000 | +₹650 |
| चेन्नई | ₹153 | ₹1,53,000 | +₹750 |
| कोलकाता | ₹154 | ₹1,54,000 | +₹600 |
(स्रोत: गुडरिटर्न्स डॉट इन, एंजल वन मार्केट रिपोर्ट)
चांदी की कीमतों में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चांदी की कीमत $48.55 प्रति औंस के आसपास रही, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे ऊंचा स्तर है।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में रुझान
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना आज $3,958 प्रति औंस के स्तर तक पहुंच गया — जो एक ऑल टाइम हाई है।
वहीं, चांदी $48.55 प्रति औंस पर ट्रेड हो रही है।
इसका असर सीधे भारतीय बाजार पर भी पड़ा है क्योंकि रुपये की कमजोरी ने आयातित सोने की लागत को और बढ़ा दिया है।
Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, “निवेशक भू-राजनीतिक तनावों और मंदी की आशंका के कारण कीमती धातुओं में शरण ले रहे हैं। अमेरिका में सरकारी फंडिंग संकट और चीन की आर्थिक सुस्ती ने निवेशकों का विश्वास डांवाडोल कर दिया है।”

सोने-चांदी की तेजी के 5 प्रमुख कारण
1️⃣ ब्याज दरों में संभावित कटौती
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती की अटकलों ने सोने को और आकर्षक बना दिया है। कम ब्याज दरें डॉलर को कमजोर करती हैं और सोने की मांग बढ़ाती हैं।
2️⃣वैश्विक अनिश्चितता और युद्ध की आशंका
यूरोप और एशिया में भू-राजनीतिक तनावों से निवेशक “safe assets” की ओर जा रहे हैं। सोना और चांदी पारंपरिक रूप से सुरक्षित निवेश माने जाते हैं।
3️⃣ भारत में त्योहारों का सीजन
नवरात्रि, दशहरा और दिवाली से पहले भारतीय बाजार में सोने की भारी मांग होती है। ज्वैलर्स पहले से स्टॉक कर रहे हैं, जिससे थोक कीमतें ऊपर जा रही हैं।
4️⃣ औद्योगिक मांग में बढ़ोतरी
चांदी सिर्फ आभूषण नहीं, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर एनर्जी और मेडिकल डिवाइस में भी इस्तेमाल होती है। यह औद्योगिक मांग उसकी कीमत को स्थिर रखे हुए है।
5️⃣ निवेशकों की पोजीशनिंग
बड़े संस्थागत निवेशक भी गोल्ड ETFs में निवेश बढ़ा रहे हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, 2025 की तीसरी तिमाही में गोल्ड ETFs में 12% की वृद्धि दर्ज हुई।
विशेषज्ञों की राय: क्या यह तेजी कायम रहेगी?
विनीत अग्रवाल, वरिष्ठ कमोडिटी विश्लेषक (HDFC Securities) कहते हैं,
“यह रैली केवल भावनात्मक नहीं, बल्कि मौलिक आधार पर भी मजबूत है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर इंडेक्स 102 के नीचे जा चुका है, और इससे सोना अगले कुछ महीनों में ₹75,000 प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।”
वहीं, सोनिया मेहरा, (Kotak Commodities) कहती हैं,
“त्योहारों की खरीदारी के बाद थोड़ी मुनाफावसूली हो सकती है, लेकिन दीर्घकालीन निवेशकों के लिए सोना अभी भी आकर्षक है।”
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सोने की खपत 2025 में 20% बढ़ने की उम्मीद है। घरेलू मांग में यह उछाल कीमतों को सहारा दे रहा है।
निवेशकों के लिए सलाह
विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय सोना और चांदी दोनों में निवेश “लॉन्ग-टर्म पोजीशन” के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन अल्पकाल में अस्थिरता बनी रहेगी।
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कमजोर रुपये के चलते आयात महंगा हो रहा है, जिससे घरेलू दाम ऊपर हैं।
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मुनाफा वसूली के चलते आने वाले दिनों में हल्का करेक्शन संभव है।
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ETF या डिजिटल गोल्ड के माध्यम से निवेश करना अधिक सुरक्षित माना जा रहा है क्योंकि इसमें स्टोरेज का जोखिम नहीं होता।
प्रमुख भारतीय शहरों के सोने-चांदी के रेट्स
| शहर | 24K सोना (10 ग्राम) | 22K सोना (10 ग्राम) | चांदी (1 किलो) |
|---|---|---|---|
| दिल्ली | ₹72,120 | ₹66,100 | ₹1,55,000 |
| मुंबई | ₹72,000 | ₹66,000 | ₹1,56,000 |
| चेन्नई | ₹72,350 | ₹66,400 | ₹1,53,500 |
| कोलकाता | ₹72,050 | ₹66,150 | ₹1,54,000 |
| हैदराबाद | ₹72,200 | ₹66,250 | ₹1,54,500 |
कल (5 अक्टूबर 2025) के मुकाबले रुझान
5 अक्टूबर को सोने का औसत भाव ₹71,140 प्रति 10 ग्राम था।
आज यह ₹72,120 हो गया — यानी लगभग ₹980 की बढ़ोतरी।
चांदी में ₹700 प्रति किलो की वृद्धि हुई है।
यह उछाल संकेत देता है कि बाजार में अभी “Bullish Momentum” बना हुआ है।
आगे का पूर्वानुमान (Forecast)
अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक फर्म InvestingHaven का कहना है कि 2025 के अंत तक सोना $4,200 प्रति औंस और चांदी $52 प्रति औंस तक जा सकती है।
यदि भारत में रुपये की स्थिति कमजोर रहती है, तो घरेलू बाजार में 24K सोना ₹75,000 प्रति 10 ग्राम का स्तर भी पार कर सकता है।

उपभोक्ताओं पर असर
सामान्य उपभोक्ताओं के लिए यह बढ़ोतरी दोहरी चुनौती पेश कर रही है —
एक तरफ शादी या त्योहार के सीजन में गहने महंगे हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर निवेश का आकर्षण भी बढ़ रहा है।
ज्वैलरी उद्योग ने बताया कि बिक्री पर फिलहाल 8–10% की गिरावट आई है क्योंकि ग्राहक ऊंचे दामों से हिचक रहे हैं।
हालांकि, डिजिटल गोल्ड और सोने के सिक्कों की खरीद में वृद्धि देखी गई है।
सरकार और आरबीआई का दृष्टिकोण
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी अपने विदेशी भंडार में सोने की हिस्सेदारी बढ़ाई है। 2025 की दूसरी तिमाही में रिजर्व में सोने की मात्रा 800 टन से ऊपर पहुंच गई, जो अब तक का रिकॉर्ड है।
सरकार “सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम” (SGB) को फिर से आकर्षक बनाने की तैयारी कर रही है ताकि फिजिकल गोल्ड की मांग कम हो और आयात बिल घटे।
निवेश बनाम उपभोग — संतुलन की चुनौती
भारत में सोने की मांग का लगभग 70% हिस्सा ज्वैलरी सेक्टर से आता है।
जब कीमतें बहुत बढ़ती हैं, तो ग्रामीण मांग में गिरावट आती है।
इसीलिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निवेशकों को कुल पोर्टफोलियो का केवल 10–15% हिस्सा ही गोल्ड या सिल्वर में लगाना चाहिए।
निष्कर्ष: 6 अक्टूबर 2025 का दिन — सोने और चांदी के लिए ऐतिहासिक
आज का दिन भारतीय बाजार में एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हुआ है।
सोना ₹72,000 प्रति 10 ग्राम और चांदी ₹1,55,000 प्रति किलो तक पहुंची।
यह सिर्फ मौसमी तेजी नहीं, बल्कि वैश्विक आर्थिक स्थितियों, मुद्रा दबावों और मांग-सप्लाई के जटिल समीकरणों का परिणाम है।
आने वाले दिनों में कीमतों में सुधार हो सकता है, लेकिन दीर्घकालिक नजरिए से सोना-चांदी दोनों ही अभी भी निवेश के लिए विश्वसनीय विकल्प बने हुए हैं।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. क्या सोना अभी खरीदना सही रहेगा?
अगर आपका निवेश दीर्घकालीन है (3–5 वर्ष), तो सोना अभी भी सुरक्षित विकल्प है। अल्पकाल में सुधार संभव है, इसलिए किस्तों में खरीदना बेहतर रहेगा।
Q2. चांदी में निवेश क्यों बढ़ रहा है?
चांदी की औद्योगिक मांग — खासकर सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रिक वाहन और इलेक्ट्रॉनिक्स में — तेजी से बढ़ रही है। यही कारण है कि चांदी को “industrial metal of the future” कहा जा रहा है।
Q3. क्या आने वाले दिनों में कीमतें और बढ़ेंगी?
विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2025 के अंत तक सोना ₹75,000 तक जा सकता है। हालांकि, डॉलर और ब्याज दरों की दिशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
Q4. क्या सभी राज्यों में सोने-चांदी की कीमत समान होती है?
नहीं। स्थानीय टैक्स, परिवहन लागत और ज्वैलर्स की मार्जिन के कारण हर राज्य और शहर में मामूली फर्क होता है।
Q5. सोना खरीदने के लिए सबसे सुरक्षित विकल्प कौन सा है?
फिजिकल ज्वैलरी की बजाय डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ETF या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे विकल्प सुरक्षित और पारदर्शी माने जाते हैं।
