Amazon Layoffs 2025: अमेज़न का सबसे बड़ा फैसला! 30,000 कर्मचारियों की छंटनी, AI से बदलेंगे काम
Amazon Layoffs 2025 की यह खबर सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर काम, तकनीक और कॉर्पोरेट संस्कृति में बदलाव का संकेत है। इस लेख में हम विस्तार से देखेंगे कि क्यों Amazon इस निर्णय पर पहुंची, किन विभागों को असर होगा, भारत पर इसका क्या मतलब हो सकता है और आगे क्या-क्या देखने को मिल सकता है।
परिचय
अमेज़न ने इस वर्ष कॉर्पोरेट कर्मचारियों में एक बहुत बड़ी कटौती की योजना बनाई है: करीब 30,000 कर्मचारियों को काम से निकालने की खबर सामने आई है, जो कंपनी के कॉर्पोरेट स्टाफ के लगभग 10 % के बराबर हो सकती है।
यह कदम कंपनी ने महामारी के दौरान हुई भारी भर्ती, घटती वृद्धि और तकनीकी बदलाव की चुनौतियों को देखते हुए उठाया है। आइए देखें कि इस फैसले के पीछे क्या-क्या कारण हैं, कौन-कौन प्रभावित होगा और इसका भारत तथा ग्लोबल बाजार पर क्या असर पड़ सकता है।

क्या कारण हैं इस निर्णय के पीछे?
महामारी-हायरिंग और अब का पुनर्मूल्यांकन
कोविड-19 के दौरान ऑनलाइन शॉपिंग और क्लाउड सेवाओं की मांग तेजी से बढ़ी थी। अमेज़न ने उस समय बड़े पैमाने पर भर्ती की थी ताकि लॉजिस्टिक्स, क्लाउड, डिलीवरी आदि बढ़ते काम को संभाल सके।
परंतु जैसे ही आर्थिक माहौल बदला, मांग सामान्य हुई और वृद्धि की पिच धीमी पड़ गई, वहीं उच्च लागत और अधिशेष संसाधन की समस्या सामने आई। इस पृष्ठभूमि में अमेज़न ने कहा कि इसकी वजह से अब पुनर्मूल्यांकन (re-calibration) जरूरी हो गया है।
लागत-दबाव एवं तकनीकी बदलाव
अमेज़न के सीईओ Andy Jassy ने इस वर्ष यह स्पष्ट किया कि कंपनी ब्यूरोक्रेसी कम करना चाहती है और AI तथा ऑटोमेशन को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा है कि “जिन कामों को आज लोग कर रहे हैं, उन्हें भविष्य में कम लोग करेंगे”।
उदाहरण के लिए, कंपनी की क्लाउड इकाई Amazon Web Services (AWS) में पहले ही सैकड़ों पदों पर कटौती हो चुकी है।
विभाग-विशिष्ट असर
सूत्रों के मुताबिक, छंटनी के सबसे अधिक प्रभावित विभागों में शामिल हैं:
People Experience & Technology (मानव संसाधन) – “PXT” विभाग जिसमें कर्मचारी अनुभव, तकनीक तथा प्रदर्शन प्रबंधन आती है।
Devices & Services (डिवाइस एवं सेवाएँ)
Operations और कॉर्पोरेट अन्य व्यापारिक सेवाएँ
AWS सहित क्लाउड और तकनीकी टीम
यह संकेत देता है कि यह सिर्फ कुछ “नाकामी वाले” विभागों की छंटनी नहीं है बल्कि कंपनी संरचना में व्यापक बदलाव ला रही है।
भारत व वैश्विक प्रभाव
भारत में क्या मायने रखता है?
भारत में अमेज़न का विशाल presence है – तकनीकी टीम, ग्राहक सेवा, बैक-ऑफिस, लॉजिस्टिक्स एवं सप्लाई-चेन पार्टनर। यदि अमेज़न कॉर्पोरेट लेवल पर कटौती कर रही है, तो इसका असर भारतीय ऑफिसों, सप्लायर नेटवर्क और तकनीकी स्टाफ पर भी पड़ सकता है।
उदाहरण के लिए: कुछ भूमिकाएँ शायद भारत में पुनर्स्थापित हों या टास्क-परिवर्तन के तहत ऑटोमेशन द्वारा बदली जाएँ। कर्मचारियों को नया कौशल सीखने की जरूरत बढ़ सकती है।
ग्लोबल टेक इंडस्ट्री में संकेत
यह कदम अकेले अमेज़न तक सीमित नहीं है। पूरे 2025 में टेक कंपनियों में बड़ी छंटनियों का ट्रेंड देखा जा रहा है – Microsoft, Google, अमेज़न आदि में।
इसका अर्थ है कि केवल नौकरी समाप्ति नहीं बल्कि “कार्य-स्वरूप परिवर्तन” (job-shape change) चल रहा है: जहां पहले मानव थे, वहां अब मशीन/AI का रोल बढ़ रहा है।
विशेषज्ञों की राय
विश्लेषक स्काय केनेव्स ने कहा है:
“This latest move signals that Amazon is likely realising enough AI-driven productivity gains within corporate teams to support a substantial reduction in force.”
एक अमेज़न कर्मचारी ने स्लैक चैनल पर लिखा:
“There is nothing more motivating on a Tuesday than reading that your job will be replaced by AI in a few years.”
ये दोनों उद्धरण दिखाते हैं कि बदलाव प्रौद्योगिकी-चालित है और कर्मचारियों में चिंता भी है।

आगे क्या देखने को मिलेगा?
कटौती की विस्तृत संख्या और विभाग-वार विश्लेषण अगले हफ्तों में सामने आ सकती है, क्योंकि वर्तमान रिपोर्ट में “लगभग 30,000” की संख्या बैठक पर आधारित है।
अमेज़न की भर्ती नीति बदल सकती है: जैसे- जैसे कुछ भूमिकाएँ खत्म होंगी, अन्य “AI स्किल्स”, “डेटा साइंस”, “ऑटोमेशन इंजीनियरिंग” वाली भूमिकाएँ बढ़ सकती हैं।
भारत में कर्मचारियों के लिए: न सिर्फ नौकरी खोने का जोखिम, बल्कि भूमिकाओं में बदलाव का दबाव बढ़ रहा है – इसलिए रेस्किलिंग, नई भूमिका अपनाना आवश्यक होगा।
उद्योग-नियामक और सामाजिक दृष्टिकोण से: जब बड़ी-कंपनियों में छंटनी हो रही है, तो कामगार सुरक्षा, पुनःप्रशिक्षण, श्रम-नीति जैसे बदलाव महत्वपूर्ण हो जाएंगे।
निष्कर्ष
Amazon Layoffs 2025 सिर्फ संख्या नहीं है—यह बताती है कि कैसे एक बड़ी टेक कंपनी अब “उत्साही विस्तार” से “स्मार्ट, कुशल ऑपरेशन” की ओर जा रही है। लगभग 30,000 लोगों की नौकरी खतरे में होना यह दिखाता है कि बदलाव तेजी से आ रहे हैं। भारत सहित ग्लोबल स्तर पर इसका असर बड़े पैमाने पर होगा। अगर आप टेक, कॉर्पोरेट या सप्लाई-चेन क्षेत्र से जुड़े हैं, तो यह वक्त है ध्यान देकर अपनी भूमिका, कौशल और व्यवसाय-दृष्टिकोण को पुनःदेखने का।
FAQ
Q1. Amazon Layoffs 2025 का तर्क क्या है?
A1. अमेज़न ने महामारी-हायरिंग, घटती वृद्धि, बढ़ती लागत और AI-ऑटोमेशन के दबाव को देखते हुए कॉर्पोरेट कर्मचारियों में कटौती करने का निर्णय लिया है।
Q2. कितने लोगों को प्रभावित होने की संभावना है?
A2. रिपोर्ट्स में संकेत है कि लगभग 30,000 कॉर्पोरेट कर्मचारी प्रभावित हो सकते हैं, जो कंपनी के कॉर्पोरेट स्टाफ (~350,000) का लगभग 8-10 % है।
Q3. कौन-कौन से विभाग सबसे अधिक प्रभावित होंगे?
A3. मुख्यतः: मानव संसाधन (PXT), डिवाइस एवं सेवाएँ (Devices & Services), संचालन (Operations), AWS-क्लाउड यूनिट्स और अन्य कॉर्पोरेट सेवाएँ।
Q4. भारत में इसका क्या असर हो सकता है?
A4. भारत में अमेज़न की तकनीकी-सपोर्ट, बैक-ऑफिस, सप्लाई-चेन-पार्टनर नेटवर्क बड़ी संख्या में हैं। इस तरह की छंटनी से भारतीय कर्मचारियों को रोल-चेंज, पुनर्स्थापन या नौकरी-खतरे जैसी चुनौतियाँ आ सकती हैं।
Q5. आगे किन ट्रेंड्स पर नजर रखनी चाहिए?
A5.- टेक कंपनियों में AI-पहला (AI-first) मॉडल बढ़ेगा।
कर्मचारियों को रेस्किलिंग और नई भूमिकाएँ अपनानी होंगी।
श्रम-नीति एवं रोजगार-सुरक्षा पर चर्चा तेज होगी।
कंपनियां “कम लोग, ज्यादा आउटपुट” मॉडल की ओर जाएँगी।



