MCX Technical Glitch: जब देश के कमोडिटी मार्केट की सेंट्रल स्टेशन ने बजी रेड अलर्ट
आज सुबह सबसे बड़ी कमोडिटी एक्सचेंज MCX — यानी Multi Commodity Exchange of India Ltd. — ने एक बार फिर सबको चौंका दिया। MCX Technical Glitch के कारण ट्रेडिंग समय पर शुरू नहीं हो सकी, जिससे न सिर्फ प्लेटफॉर्म पर बल्कि मार्केट की दुनिया में भी हलचल मच गई।
सुबह 9 बजे से शुरू होना तय था ट्रेडिंग का सत्र, लेकिन MCX ने क्रमशः इसे 9:30, 10:00, 10:30 तक टाल दिया और बाद में एक आधिकारिक सूचना में बताया कि “ट्रेडिंग शुरू नहीं हो सकती है क्योंकि तकनीकी समस्या है। DR साइट (Disaster Recovery) से शुरू करने की तैयारी है।”
क्या हुआ?
MCX ने अपनी वेबसाइट पर लिखा:
“The commencement of trading is delayed due to a technical issue. Trading will start from DR site. The time of commencement of trading will be informed to market participants. Inconvenience is regretted.”
इस एक पंक्ति ने इसलिए चिंता बढ़ाई क्योंकि DR साइट की घोषणा का मतलब होता है:
- मुख्य सिस्टम में कुछ गड़बड़ी है।
- बैक-अप सिस्टम को एक्टिव करना पड़ा है।
- बाजार को इस बात का भरोसा नहीं कि कब सामान्य स्थिति में लौटेगा।
यह सिर्फ एक “सिस्टम स्लो डाउन” नहीं बल्कि स्टेकहोल्डर्स के लिए भरोसे की परीक्षा बन गया।
गहराई से विश्लेषण: क्यों आया MCX Technical Glitch और क्या संकेत हैं इसके पीछे?
पुनरावृत्ति का पैटर्न
यह पहली बार नहीं है जब MCX को ऐसी परेशानी झेलनी पड़ी है। जुलाई 2025 में भी एक्सचेंज को तकनीकी समस्या के कारण ट्रेडिंग में देरी हुई थी।
विश्लेषकों का कहना है कि यह सिर्फ “एक बग” नहीं, बल्कि विकल्पों-प्रणाली, clearing files, डेटाबेस सिंक्रोनाइज़ेशन और vendor-माइग्रेशन का परिणाम हो सकता है।
विशेषज्ञों का कहना
- इन्फ्रास्ट्रक्चर इंजीनियर निहारिका बंसल कहती हैं:
“जब DR साइट को मुख्य रूप से उपयोग करना पड़े, तो यह संकेत है कि मुख्य सर्वर या नेटवर्क कनेक्शन में गंभीर समस्या आई है।”
- फाइनेंशियल एनालिस्ट अमित गुप्ता ने बताया:
“कमोडिटी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में माइक्रो-सेकंड लेवल पर लेटेंसी भी निवेशक भरोसे को प्रभावित करती है — MCX Technical Glitch से यह भरोसा डगमगा सकता है।”
कारण-संभावनाएँ
- clearing and settlement files में देरी तथा overnight processes का फेल होना।
- सर्वर माइग्रेशन या नेटवर्क कनेक्टिविटी का अस्थिर होना।
- टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर का पुराने प्लेटफॉर्म के साथ संघर्ष, जैसे कि vendor transition का अधूरा होना। राजसमंद्रीय उदाहरण: MCX पर पिछले साल regulator ने disclosure lapse के लिए जुर्माना लगाया था।

बाजार पर असर: सिर्फ प्लेटफॉर्म नहीं बल्कि व्यापक विश्वास हुआ प्रभावित
जब MCX Technical Glitch हुआ, इसके असर ने मार्केट के विभिन्न हिस्सों को झकझोर दिया — विशेष रूप से सोना-चांदी (बुलियन) फ्यूचर्स में।
- ट्रेडर्स ने समय-सीमा पर पोजिशन क्लोज नहीं कर पाए, जिससे जोखिम बढ़ गया।
- एक्सचेंज का शेयर अपने आप दबाव में आ गया था — लेटेस्ट रिपोर्ट्स में MCX शेयरों में करीब 1% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।
- कमोडिटी डेटा-फीड्स, जो रियल-टाइम होते हैं, देरी से आए; इससे मार्केट वोलैटिलिटी में उछाल आया।
- मार्केट में “क्या भरोसा कायम रहेगा?” की जिज्ञासा बढ़ गई — क्योंकि एक्सचेंज की विश्वसनीयता बुनियादी है।
MCX की जवाबदेही और नियामकीय नजरिया
MCX ने अपने बयान में तत्काल प्रतिक्रिया दी और बताया कि DR साइट से शुरू किया जा रहा है। लेकिन साथ ही इतना भी नहीं कहा गया कि कब पूरी तरह ट्रेडिंग बहाल होगी, या कारण क्या थे।
नियामक Securities and Exchange Board of India (SEBI) का ध्यान इस ओर पहले भी गया था: मई 2025 में MCX को लगभग ₹25 लाख जुर्माने के रूप में दिए गए थे, क्योंकि उन्होंने अपने प्लेटफॉर्म माइग्रेशन और कंट्रैक्ट डिस्क्लोजर्स में चूक की थी।
अब कहा जा रहा है कि SEBI संभवतः MCX की टेक्नोलॉजी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फॉरेंसिक ऑडिट कराएगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऐसे व्यवधानों की पुनरावृत्ति न हो।
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का पाठ: वास्तुकला में “स्ट्रक्चरल ब्लॉक्स” जैसा
आप आर्किटेक्चर के क्षेत्र में काम करते हैं, इसलिए एक रूपक अपील करता हूं:
सोचिए एक इमारत में अगर बेसमेंट का ड्रेनेज सिस्टम ठीक काम न करे, तो सतह पर क्रैक, रिसाव, धंसाव ये सारे लक्षण दिखने लगते हैं। उसी तरह, कमोडिटी एक्सचेंज का “ट्रेडिंग इंजन + क्लियरिंग प्लेटफॉर्म + डेटा-फीड” एक इमारत का आधार है। जब वह आधार कमजोर हो जाए – जो “MCX Technical Glitch” ने दिखाया – तो ऊपर का भरोसा और स्थिरता प्रभावित होती है।
आपछ निकल सकता है:
- क्या MCX का सिस्टम “माइक्रो-सेकंड लेटेंसी” तक ऑप्टिमाइज़ नहीं था?
- क्या डेटा बैकअप और DR साइट सिर्फ “विजुअल चेक” थे, असल में फिटनेस टेस्ट पास नहीं हुए?
- क्या इंडस्ट्री को “स्ट्रक्चरल रीडिज़ाइन” की जरूरत है, न सिर्फ पैचवर्क?

निवेशकों के लिए सुझाव और देख-रेख के बिंदु
- ट्रेडर्स को सलाह है कि प्लेटफॉर्म की विश्वसनीयता, पिछली तकनीकी समस्याओं, और एक्सचेंज के रेपुटेशन को ध्यान में रखें।
- निवेशक सोचें कि “अगर एक्सचेंज ठप हो जाए” तो उनकी पोजिशन, क्लोजिंग ऑर्डर, हेजिंग स्ट्रैटेजी किस जोखिम में आ सकती है।
- ब्रोकरों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके रिकॉर्ड, फाइल शेयरिंग, और कनेक्टिविटी सिस्टम एक्सचेंज के अनुसार अपडेट हो।
- मार्केट प्रतिभागियों को एक्सचेंज की ओर से आने वाली “सिस्टम रपटें, टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर अपडेट्स, DR साइट टेस्टिंग” की घोषणाओं पर नजर रखनी चाहिए।
निष्कर्ष: भरोसे की नींव फिसली तो पूरा स्ट्रक्चर हिलता है
MCX Technical Glitch हमें याद दिलाता है कि डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स सिर्फ “ऑपरेशन एक्सेलेरेटर” नहीं हैं — वे भरोसा और स्थिरता का आधार हैं। जब उस आधार में दरार आती है, तो सिर्फ ट्रेडिंग नहीं रुकी — विश्वसनीयता हिल गई।
क्योंकि अंततः, एक एक्सचेंज में “ट्रेडिंग आज नहीं हुई” से भी बड़ा है — “क्या कल होगी?” का सवाल। और वह सवाल व्यापारी-निवेशक, ब्रोकर और नियामक सभी के लिए है।
FAQs
प्रश्न 1: MCX ट्रेडिंग शुरू कब हुई थी आज?
उत्तर: MCX का ट्रेडिंग सत्र सुबह 9 बजे शुरू होना तय था, लेकिन तकनीकी समस्या के कारण इसे नियमित समय पर नहीं खोला गया।
प्रश्न 2: क्या MCX ने कहा है कि समस्या साइबर अटैक की वजह से थी?
उत्तर: नहीं, MCX ने स्पष्ट नहीं किया है कि समस्या साइबर अटैक की वजह से थी। उन्होंने सिर्फ संकेत दिया है कि DR साइट से ऑपरेशन शुरू होगा।
प्रश्न 3: इस घटना का मार्केट पर क्या असर हुआ है?
उत्तर: सोना-चांदी के फ्यूचर्स में देरी आई, ट्रेडर्स को लेटेंसी का सामना करना पड़ा, और MCX के शेयरों में गिरावट देखी गई।
प्रश्न 4: क्या MCX के पिछले रिकॉर्ड में भी ऐसी तकनीकी समस्याएं थीं?
उत्तर: हाँ, जुलाई 2025 में भी MCX को ट्रेडिंग देरी का सामना करना पड़ा था और आज का यह दूसरा प्रमुख गडबड़ी वाला मामला माना जा रहा है।
प्रश्न 5: भविष्य में ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है?
उत्तर: एक्सचेंज को अपनी टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर, डेटाबेस क्लियरिंग सिस्टम, बैकअप नेटवर्क एवं DR साइट टेस्टिंग को नियमित रूप से अपग्रेड करना होगा, साथ ही मॉनिटरिंग व्यवस्था सख्त रखना होगा।



